दिल्लीपुणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामना देकर किसान ने की खुदकुशी; मौके से सुसाइड नोट बरामद, ये है खौफनाक कदम उठाने का कारण!

पुणे: महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. ताजा मामला पुणे का है. यहां एक किसान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देकर खुदकुशी कर ली! मृतक किसान के परिवार ने आज जानकारी दी.
प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को था. जन्मदिन की बधाई देकर दशरथ लक्ष्मण केदारी ने तालाब में कूदकर अपनी इहलीला खत्म कर ली. परिजनों का कहना है कि घटना बांकरफटा गांव की है. बांकरफटा में दशरथ एल. केदारी 8 वर्षों से खेती किसानी का काम कर रहे थे.
केदारी के साले अरविंद वाघमारे ने बताया कि उस दिन किसान बहुत उदास लग रहा था, लेकिन पीएम मोदी की लंबी उम्र की कामना की और फिर पास के तालाब में कूदकर खुदकुशी कर ली. मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया. केदारी ने सुसाइड नोट में ‘हैप्पी बर्थडे टू यू, पीएम’ की शुभकामनाएं दीं और कहा कि राज्य सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने में विफलता के कारण जिंदगी खत्म करने को मजबूर होना पड़ा.

सुसाइड नोट में लिखा- ‘आपको अपने लिए चिंता है मोदी साहब’
किसान ने लिखा– हमारे पास पैसा नहीं हैं. साहूकार इंतजार करने को तैयार नहीं हैं. फाइनेंस वाले धमकाते हैं, और पतपेढ़ी (सहकारी समिति) के अधिकारी गाली-गलौज करते हैं. क्या करें? हम प्याज को बाजार तक ले जाने का जोखिम भी नहीं उठा सकते. आप बस अपने बारे में सोच रहे हैं मोदी साहब. आपको उत्पाद के लिए गारंटीकृत मूल्य प्रदान करना होगा. आप कृषि पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं. किसानों को क्या करना चाहिए?
न्याय के लिए हम किसके पास जाएं? आज मैं आपकी निष्क्रियता के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हूं. कृपया हमें फसलों की कीमत दें, जो हमारा अधिकार है. किसानों जैसा जोखिम कोई नहीं लेता, हम अपनी शिकायत लेकर कहां जाएं. आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभेच्छा मोदी साहब. फिलहाल पूरे मामले में स्थानीय पुलिस ने ADR का मामला दर्ज किया है.
वहीँ शिवसेना के प्रवक्ता किशोर तिवारी और डॉ. मनीषा कायंदे ने राज्य के कृषि संकट से निपटने में सरकार की विफलता पर आलोचना की. डॉ. मनीषा कायंदे ने कहा, एक किसान पीएम को बधाई देता है और फिर खुदकुशी कर लेता है, लेकिन पीएम देश में ‘चीतों’ को लाने में व्यस्त हैं. ये है देश की दुखद स्थिति.
शिवसेना के प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि पीएम को तुरंत केदारी परिवार से मिलने आना चाहिए क्योंकि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने में विफल रही है. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी अगले सप्ताह पुणे यात्रा पर मृतक किसानों के परिजनों को सांत्वना देने की अपील की है.

आगे तिवारी ने कहा कि इस साल अकेले विदर्भ में 1,080 से अधिक किसानों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया है, और राज्य ने 2022 के पहले 9 महीनों में लगभग 2,600 किसानों की आत्महत्या के साथ एक नई रिपोर्ट स्थापित की है. मृतक 42 वर्षीय केदारी के परिवार में उनकी पत्नी शांता और दो स्कूली बच्चे- 20 वर्षीय पुत्र शुभम और 18 वर्षीय पुत्री श्रावणी हैं.

क्या है पूरा मामला?
दशरथ केदारी जुन्नार तालुका के वडगांव-आनंदगांव के रहने वाले हैं, उनके पास एक एकड़ खेत और एक दोपहिया वाहन था. उन्होंने ढाई लाख का कर्ज लिया था. इससे मई के महीने में प्याज की फसल काटी गई थी. लेकिन तब रेट करीब 10 रुपये थे. इसलिए उन्होंने प्याज बेचने की जगह भंडारण किया, जिसके लिए भी उन्हें कुछ रकम चुकानी पड़ी. लेकिन रेट नहीं बढ़ा, इस बीच बारिश में आधा प्याज खराब हो गया. इस झटके के बाद भी वे नहीं टूटे. उन्होंने फिर से उसी खेत में टमाटर और सोयाबीन लगाए. लेकिन पहली बारिश में टमाटर खराब हो गए, जबकि पिछले हफ्ते हुई बारिश में सोयाबीन की फसल भी हाथ से निकल गई. मुआवजे के लिए सोयाबीन की इन फसलों का पंचनामा कराने दशरथ 17 सितंबर को सरकारी कार्यालय गए थे. दो घंटे वहां बैठे रहने के बाद भी उनके फसल का पंचनामा नहीं हो पाया. जिसके बाद वह दोपहर के करीब पहले जहर खाया और फिर खेत के तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली.