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GTB Nagar: राहगीरों के लिए परेशानी बन रही अवैध तरीके से की गई वाहनों की पार्किंग!

‘अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता’ प्रशासन बना मूकदर्शक…!

मुंबई: जीटीबी नगर के भाई राजयोगी जयमल सिंह मार्ग पर स्थित गुरुनानक कॉलेज व स्कूल को शहर के प्रमुख संस्थानों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। जिसमें मोंटेसरी से लेकर विज्ञान, वाणिज्य तक के कक्षाओं का समावेश है।

शिक्षा के इस मंदिर में हजारों पेरेंट्स बच्चों का भविष्य सवार रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने में हर वक्त एक्सीडेंट का खतरा सताता रहता है। कई बार तो बच्चों को गाड़ियों से लगने पर उनका झगड़ा भी हो जाता है। उसका कारण है इसी स्कूल से सटे हुए अनधिकृत गैरेज की दुकानें, जो राहगीरों व स्कूली बच्चों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। यहां फुटपाथ तो जाने दीजिए लोगों को चलने के लिए सड़क भी एक सकरी गली नज़र आती है। गैरेजवालों की मनमानी यह है कि खुलेआम सड़क पर कहीं भी चार पहिए वाली भंगार गाड़ियों की पार्किंग कर उसकी मरम्मत, डेंटिंग-पेंटिंग करने के लिए सड़क बैठ या फिर सो जाते हैं, यदि जाम में फंसे लोग इनका विरोध करते हैं, तो गैरेज संचालक उनसे मारपीट पर अमादा हो जाते हैं। सीधा कहते हैं जा जिधर कम्प्लेन करने का है…कर दे, हम लोग का धंधा हफ्ते पर चलता है! इसके बाद वो बेचारा चुपचाप निकल जाने में ही अपनी भलाई समझता है। पंजाबी कैम्प के बीट क्र.२ पुलिस चौकी रोड पर तो खुलेआम गाड़ियों की पेंटिंग की जाती है, जिससे सीनियर सिटीजन राहगीर को इसके संपर्क में आने से ‘मल्टीपल स्कलेरोसिस’ नामक खतरनाक बीमारी का खतरा पैदा होता है।

गुरुनानक विद्यक सोसायटी की समन्वयक रीना ऋषिराज बताती हैं कि हमने अनेकों बार स्थानिक पुलिस, आरटीओ और बीएमसी को पत्र लिखा परन्तु अभी तक कोई ठोस प्रशासनिक कार्यवाई नहीं की गई। यहाँ महीने में एक दो बार लोगों से झगड़ा-मार हो ही जाता है, तभी कोई स्टूडेंट आकर हमें बताता है कि मैडम बाहर झगड़ा-मार हो रहा है, फिर हम लोग निकल सड़क पर आते हैं और समझा-बुझाकर मामले को शांत कराते हैं। उन्होंने बताया कि हेमंत मांजरेकर मार्केट के पास तो बहुत ही गंभीर समस्या है, यहां फुटपाथ पर अतिक्रमण कर झोपड़े में रहने वाले रोज सड़क पर ही लड़ाई-झगड़ा करते रहते हैं, जिससे बच्चे और उनके महिला पेरेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है। संबंधित प्रशासन अधिकारी नाजायज कब्जे करने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। इसका दुष्परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तो छुट्टी हुई है बच्चे नहीं आ रहे हैं परन्तु हम लोग स्कूल के काम से १ मई तक आएंगे। सम्बंधित विभागीय अधिकारी यदि अभी कार्यवाई नहीं करेंगे तो स्कूल खुलने पर बहुत विकट समस्या निर्माण होगी।

वहीँ, एक पेरेंट्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये रोड वन-वे है, लेकिन यहां की ट्रैफिक पुलिस यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं कर पा रही है। रोड पर यहां से लेकर केडी गायकवाड़ बीएमसी स्कूल से आगे भारत गैस एजेंसी के आसपास तक कई गाड़ियां लावारिश अवस्था में खड़ी पड़ी हैं, जिससे सड़कों पर भीषण जाम की स्थिति बनी रहती है। आये दिन आम जनता को जाम की समस्याओं से जूझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ये सब पुलिस और ट्रैफिक हवालदार को नहीं दिखता, वहीँ आप बाइक से कहीं नाश्ता करने दूध-सब्जी या फिर दवा लेने निकले हैं और हेलमेट नहीं लगाए हैं, लाइसेंस रखना भूल गए तो, यहीं पुलिस वाले दौड़कर पकड़ते हैं। जबकि अंदर का रोड न तो हाइवे है और न ही यहां कोई सिग्नल है! फिर भी हर दिन सुबह-शाम दो-तीन पुलिस वाले और ट्रैफिक हवलदारों ने यहाँ अपना धंधा जमा लिया है।