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NCP की ‘घड़ी’ होगी फ्रीज? चुनाव आयोग के सामने चाचा-भतीजे गुट के वकीलों ने दी ये दलीलें…

नयी दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में फूट के बाद आज चुनाव आयोग (Election Commission) के सामने अहम सुनवाई हुई। दरअसल, अजित पवार गुट ने खुद के असली एनसीपी होने का दावा करते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। इसे लेकर आज केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई हुई। इस दौरान एनसीपी के दोनों गुटों-शरद पवार और अजित पवार गुट ने आयोग के सामने अपना पक्ष रखा। इस सुनवाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार खुद शामिल हुए।

बता दें कि एनसीपी के नाम-निशान की यह लड़ाई अब शिवसेना की तरह होती जा रही है। इसलिए संभावना है कि चुनाव आयोग निर्णय होने तक एनसीपी का चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ (NCP Symbol) जब्त कर सकता है। हालांकि, शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि चुनाव चिन्ह फ्रीज न किया जाए और फैसला होने तक इसे हमें (शरद पवार गुट) को दे दिया जाए।

शरद पवार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और अजित पवार गुट की ओर से नीरज किशन कौल और मनिंदर सिंह पक्ष रख रहे हैं। चुनाव आयोग में एनसीपी पार्टी और सिंबल की लड़ाई से जुड़ी सुनवाई आज खत्म हो गयी है। आज दोनों गुटों की ओर से जोरदार दलीलें दी गईं। इस मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार को होनी है।

अजित पवार गुट की ओर से कहा गया, एनसीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा चुनाव आयोग ने छीन लिया है, इसलिए विधायकों की संख्या महत्वपूर्ण है। अजित पवार गुट के साथ एनसीपी के सबसे अधिक विधायक हैं। अजित पवार के खेमे ने यह भी दावा किया कि शरद पवार अपनी मनमर्जी के अनुसार पार्टी चलाते हैं और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जयंत पाटिल की नियुक्ति अवैध है। हालांकि आज अजित पवार गुट की दलीले पूरी नहीं हुई, इसलिए सोमवार को इस पर दोबारा सुनवाई होगी और अजित पवार गुट दलीलें रखेगा।
‘असली’ (एनसीपी) तय करने पर चुनाव आयोग की सुनवाई के बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, शरद पवार जी हमारे साथ खड़े हैं…चुनाव आयोग के समक्ष मुख्य रूप से 2-3 बातें हुई हैं…हमने कहा कि पहले प्राथमिक रूप से हमें सुनें और फिर निर्णय करें कि कोई विवाद है या नहीं…उनकी दलीलों पर सुनवाई अब सोमवार को होगी।

शुक्रवार को हुई सुनवाई में क्या हुआ?
* चुनाव आयोग में सुनवाई शुक्रवार शाम करीब 4 बजे शुरू हुई।
* सुनवाई के लिए शरद पवार खुद चुनाव आयोग पहुंचे।
* शरद पवार के साथ एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण, विधायक जितेंद्र आव्हाड भी मौजूद रहे।
* अजित पवार गुट से कोई भी नेता सुनवाई में मौजूद नहीं था।
* अजित पवार गुट ने पार्टी संविधान पेश किया।
* अजित पवार गुट ने तर्क दिया कि पार्टी की कोई भी नियुक्ति एक पत्र के माध्यम से होती है।
* 24 में से 22 प्रदेश अध्यक्ष हमारे पक्ष में, शरद पवार गुट के दावे को अजित पवार गुट ने नाकारा।
* अजित पवार गुट ने तर्क दिया कि पार्टी के विधायकों की संख्या हमारे पक्ष में अधिक है।
* महाराष्ट्र और नागालैंड के विधायक भी हमारे (अजित गुट) पक्ष में हैं।
* अजित गुट ने कहा- पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा खत्म हो गया है, इसलिए विधायकों की संख्या की ज्यादा अहमियत है।

* प्रदेश अध्यक्ष पद पर जयंत पाटिल की नियुक्ति अवैध है, अजित पवार गुट का सबसे बड़ा दावा।
* एनसीपी कैसे बनी, पार्टी का काम कैसे चलता है? इसे लेकर भी अजित पवार गुट ने अपनी दलील रखी।
* अजित पवार गुट का दावा, एनसीपी के 55 विधायक और 2 सांसद हमारे साथ।
* शरद पवार गुट ने काउंटर करते हुए कहा, एक गुट हमारे साथ नहीं है, लेकिन मूल पार्टी हमारी ही है। भले ही विधायक चले गए हों, लेकिन पार्टी पर दावा हमारा है।

* अजित पवार गुट का दावा, 10 सितंबर 2022 को भले ही शरद पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया, लेकिन 1 सितंबर की बैठक में यह तय हो गया था। इसलिए यह चुनाव सही तरीके से नहीं हुई है।
* जिन 558 डेलीगेट्स के आधार पर उन्हें चुना गया, वे सभी नियम के खिलाफ हैं। क्योंकि राज्य में नियुक्तियाँ नियमों के अनुसार नहीं की गयीं।
माना जा रहा है कि एनसीपी किसकी? यह सियासी जंग आगामी दिनों में और तेज हो सकती है। शरद पवार बनाम अजित पवार का मुकाबला चुनाव आयोग के साथ सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ा जाएगा।