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NSE को-लोकेशन घोटाला मामले में ईडी का बड़ा एक्शन: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे गिरफ्तार!

नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने संजय पांडे की गिरफ्तारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन घोटाला मामले में की है।

बता दें कि सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले के तहत पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे से 3 घंटे तक पूछताछ की थी। वहीं इससे पहले 15 जुलाई को ईडी ने एनएसई-को लोकेशन मामले में पांडे को तलब किया गया था। संजय पांडे 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं, जो 30 जून को सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे।
सीबीआई अधिकारियों ने सोमवार को बताया था कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे द्वारा स्थापित कंपनी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के दो स्टॉक ब्रोकर फर्मो की आडिटिंग में सेबी के मानकों का कथित तौर पर उल्लंघन किया था। ये स्टॉक ब्रोकर फर्मे को-लोकेशन सुविधा का इस्तेमाल कर रही थीं। संजय पांडे की कंपनी ‘आइसेक सर्विसेज’ के खिलाफ एजेंसी ने 19 मई को FIR दर्ज की थी, लेकिन इसे सोमवार को सार्वजनिक किया गया। जांच के दौरान, यह पाया गया है कि संजय पांडे ‘आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी के कामकाज और गतिविधियों से निकटता से जुड़े हैं। इस कंपनी ने एनएसई का सिक्योरिटी ऑडिट किया था। आईसेक सिक्योरिटीज कंपनी में मार्च 2001 में संजय पांडे को शामिल किया गया था और उन्होंने मई 2006 में इसके निदेशक के रूप में पद छोड़ दिया। बाद में उनके बेटे और मां ने कंपनी का कार्यभार संभाला।
आरोप है कि 2009-17 के बीच 91 एनएसई कर्मचारियों की अवैध फोन टैपिंग की गई, जिसमें इस कंपनी की कथित तौर पर संलिप्तता है। आरोप है कि चित्रा रामकृष्ण के निर्देश पर इतनी बड़ी संख्या में एनएसई के अफसरों के फोन टैप किए गए थे। संजय पांडे ने मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में अपने 4 महीने के कार्यकाल से पहले, महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्य किया था। इससे पहले 5 जुलाई को एनएसई को-लोकेशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय से प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे पूछताछ की थी। वह दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय में पेश हुए थे।

इससे पहले शुक्रवार (8 जुलाई) को, गृह मंत्रालय (MHA) के आदेशों के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एनएसई को-लोकेशन घोटाले में एक नया मामला दर्ज किया, जिसमें एनएसई कर्मचारियों की फोन टैपिंग करने का मामला भी शामिल है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसी दिन संजय पांडे से पूछताछ भी की। एफआईआर में पूर्व एनएसई प्रमुख चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे के नामों का उल्लेख कथित तौर पर एनएसई अधिकारियों के फोन टैप करने और अन्य अनियमितताओं के के मामले में किया गया था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में देशभर में तलाशी चल रही है।

सीबीआई का आरोप है कि ‘आइसेक सर्विसेज’ ने दो हाईरिस्क ब्रोकर्स फर्मो एसएमसी ग्लोबल सिक्यूरिटीज लिमिटेड और शास्त्र सिक्यूरिटीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड का को-लोकेशन घोटाले के दौरान गलत तरीकों से आडिट किया था। दरअसल, हाईरिस्क ब्रोकर्स को हर 6 महीने में अपने अल्गोरिथमिक ट्रेडिंग सिस्टम का आडिट कराना होता है और एक आडिटर लगातार सिर्फ तीन आडिट कर सकता है। लेकिन ‘आइसेक सर्विसेज’ ने सेबी के 6 नवंबर, 2013 के सर्कुलर का उल्लंघन करते हुए शास्त्र सिक्यूरिटीज का अप्रैल, 2013 से मार्च, 2019 तक और एसएमसी ग्लोबल सिक्यूरिटीज का अक्टूबर, 2012 से सितंबर, 2015 तक आडिट किया। सेबी मानकों को धताने-बताने के लिए पांडे की कंपनी ने बीच में एक फर्म की सेवाएं लीं थी, लेकिन उस फर्म के कर्मचारियों ने कभी भी दोनों स्टॉक ब्रोकर फर्मो के परिसरों का दौरा नहीं किया। लिहाजा सीबीआई का आरोप है कि दोनों ब्रोकर फर्मो का आडिट सिर्फ ‘आइसेक सर्विसेज’ ने किया था।