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UP: गोरखपुर की एंटी करप्‍शन टीम ने आजमगढ़ में सिपाही को पकड़ा, मांगी थी 20 हजार की रिश्‍वत!

आजमगढ़: गोरखपुर से आई एंटी करप्शन की टीम ने एक सिपाही को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। एंटी करप्‍शन टीम आरोपित को गिरफ्तार करने के बाद कोतवाली ले गई जहांं पर पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी हा‍सिल की। शनिवार को पुलिस ऑफिस के सामने सिपाही की गिरफ्तारी हुई तो वर्दीधारी भी सकते में आ गए। हालांकि, कोई कुछ समझ पाता तब तक एंटी करप्शन की टीम सिपाही को लेकर कोतवाली पहुंच गई, जहां कानूनी कार्रवाई की गई।
मिली जानकारी के अनुसार, एक मामले में भुक्‍तभोगी से कुछ दिनों से आजमगढ़ जिले का पुलिस सिपाही रिश्‍वत की डिमांड कर रहा था। न देने पर कार्रवाई की धमकी देकर पीड़ि‍त पर कुछ समय से दबाव भी बना रहा था। इसके बाद पीड़‍ित ने तंग आकर एंटी करप्‍शन टीम को शिकायत की तो शनिवार को गोरखपुर की एंटी करप्‍शन टीम में शामिल अधिकारियों ने बीस हजार रुपये घूस देने की तैयारी की। जैसे ही सिपाही रिश्‍वत की रकम लेने पहुंचा वैसे ही एंटी करप्‍शन टीम ने उसे धर दबोचा और विधिक कार्रवाई के लिए लेकर थाने आ गई।

क्या है पूरा मामला?
शहर से दूर अंजान शहीद निवासी एक युवक की बहन के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। दुष्कर्म पीड़िताओं को सहायता देने के लिए सरकार ने एक धनराशि निर्धारित की है। उसे प्राप्त करने के लिए पीड़िता के भाई ने पुलिस की विशेष जांच प्रकोष्ठ में संपर्क किया था। यहां तैनात सिपाही दिलीप कुमार ने अनुदान दिलाने का भरोसा देते हुए पीड़ित भाई को भरोसे में ले लिया। लिखा-पढ़ी शुरू हुई तो सिपाही ने अधिकारियों के नाम पर 25 हजार रुपये की डिमांड कर डाली। गरीब के पास पैसे नहीं थे लेकिन सिपाही के दबाव में रुपये देने की बात स्वीकार कर लिया। उसके बाद 25 हजार रुपये के लिए कागजी कार्रवाई थम गई। ऐसे में मरता क्या न करता? उसने गोरखपुर की एंटी करप्शन की टीम से संपर्क कर अपनी पीड़ा बताई। उसके बाद सिपाही को सबक सिखाने के लिए जाल बिछाया गया तो वह हत्थे चढ़ गया। एंटी करप्शन टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर रामधारी मिश्रा ने बताया कि पहले से पीड़ित व्यक्ति से रिश्वत मांगना घोर अपराध है। ऐसे में सूचना मिलते ही हमने आपरेशन कर गिरफ्तारी की है। आरोपित को सजा दिलाने तक हम विधिक प्रयास करेंगे। टीम में इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह, चंद्रेश यादव, अशोक कुमार सिंह, चंद्रभान मिश्रा, नीरज सिंह, शैलेश कुमार राय आदि शामिल थे।