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महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों से मांगा दो दिनों का वेतन, अब कोरोना मरीजों के लिए बांटे जाने वाली सामग्री पर नहीं लगेगा GST

मुंबई: कोरोना आपदा निवारण के लिए राज्य सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से मदद करने की अपील की है। सरकार ने राज्य के सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस व सरकारी-अर्धसरकारी समूह ए और बी के राजपत्रित अधिकारियों से मई महीने के वेतन से दो दिनों का वेतन मुख्यमंत्री सहायता निधि में देने की अपील की है। जबकि राज्य के समूह बी (अराजपत्रित), सी और डी के कर्मचारियों से एक दिन का वेतन योगदान स्वरुप देने का आग्रह किया है।
शुक्रवार को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। इसके मुताबिक, राज्य के सभी मंत्रालयीन विभाग, सभी सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालय, जिला परिषद, पंचायत समिति, महानगरपालिका, नगरपालिका, सार्वजनिक उपक्रम, महामंडल, मंडल, सभी स्वायत्त संस्था के विभाग प्रमुख और कार्यालय प्रमुख को अपने कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को परिस्थिति की गंभीरता से अवगत करना होगा। अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने विभाग और कार्यालय प्रमुख को लिखित रूप में अवगत करना होगा कि उन्हें एक अथवा दो दिन का वेतन कटौती किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके अलावा सेवानिवृत्त राजपत्रित अधिकारियों से भी दो दिन का पेंशन वेतन देने का आह्वान किया गया है। इससे पहले विभिन्न अधिकारी और कर्मचारी संगठन ने अपने विवेक से एक अथवा दो दिन का वेतन मदद कार्यों के लिए काटने का आग्रह किया था।

कोरोना मरीजों के लिए बांटे जाने वाली सामग्री पर नहीं लगेगा GST
कोरोना पीड़ितों को दान देने के लिए आयात में होने वाली परेशानियों को रोकने के लिए आईएएस डॉ हर्षदीप कांबले को नोडल अधिकारी बनाया गया है। केंद्र सरकार कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए बांटे जाने वाले सामान पर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) न लगाने का फैसला किया है। राहत सामग्री बिना किसी परेशानी के जल्द पहुंच सके इसीलिए कांबले को यह जिम्मा सौंपा गया है। डेवलमेंट कमिश्नर ऑफ इंडस्ट्रीज के पद पर तैनात कांबले को राज्य सरकार ने यह अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। जरुरत होने पर कांबले को 022-22028616/22023584 नंबर या ईमेल-आईडी [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है। राहत सामग्री आयात के लिए कांबले को ही प्रमाणपत्र देने का अधिकार है। इसके लिए संस्थान के पंजीकृत होने, खरीदारी का बिल देने, पैकिंग की जानकारी देने, कार्गो की जानकारी देने और दानदाता के बारे में जानकारी देनी जरूरी होगी। शर्त यह भी है कि आयात की जाने वाली सामग्री के लिए पैसो का भुगतान नहीं होना चाहिए साथ ही इसे मुफ्त में ही बांटा जाना चाहिए। कस्टम क्लीयरेंस से पहले सर्टिफिकेट देना जरूरी होगा।