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रत्नागिरी बांध हादसा: ६ लोगों का शव मिला,१८ लापता, ज्यादातर लोग कीचड़ में फंसे, कई गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूटा

५ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से तिवरे बांध का जलस्तर बढ़ गया था, मंगलवार की तेज बारिश से बांध की दीवार पर प्रेशर बढ़ा और वो टूट गई।

मुंबई, महाराष्ट्र के रत्नागिरी में पिछले 72 घंटे से जारी भारी बारिश के चलते मंगलवार देर रात वहां मौजूद तिवरे बांध टूट गया। बांध टूटने के चलते 7 गांवों में बाढ़ के हालात हैं। इस हादसे में फिलहाल 6 लोगों के शवों को बाहर निकाला गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पानी की अचानक आवक को बांध की दीवारें झेल नहीं सकीं और यह भरभरा कर ढह गया। बांध टूटने से भेंड़ेवाड़ी गांव के 18 लोग लापता है। इस गांव के 12 से 15 घर पूरी तरह से बह गए हैं। बताया जा रहा है कि जो लोग लापता हुए हैं वो इन्हीं घरों में रहते थे। अचानक पानी आने से हालात इतने खराब हो गए कि लोगों को बचने का समय भी नहीं मिला और कुछ लोग तो नींद में ही बह गए। राहत कार्य के लिए स्थानीय पुलिस टीम के साथ एनडीआरएफ की टीम को भी लगाया गया है।
प्रशासन के अनुसार बांध से निकले कीचड़ और मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। इसलिए मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। 20 लाख क्यूबिक मीटर वाले इस बांध का निर्माण दापोली इरीगेशन डिपार्टमेंट की ओर से साल 2000 में किया गया था। जानकारी के मुताबिक, कई बार दरार की जानकारी मिलने के बावजूद इसे रिपेयर नहीं किया गया था। इस बांध से कई दर्जन गांवों में पानी की जरूरतों को पूरा किया जाता है।
यह गांव रत्नागिरी जिले के दुर्गम भाग में स्थित है। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी सुनील चव्हाण मध्य रात्रि 2 बजे घटनास्थल पर पहुंचे। बांध टूटने से नांदिवसे, कलकवने गांव का संपर्क मुख्य सड़क से टूट गया है। इस डैम के टूटने से तीवरे व धनेगांव का खतरा बढ़ गया है। इसका पानी आगे जाकर वाशिष्टी नदी में मिल जाती है। महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने स्वीकार किया कि तिवरे बांध के पास रहने वाले ग्रामीणों ने बांध में दरार होने की शिकायत की थी लेकिन शिकायत को अनदेखा कर दिया गया इस वजह से बांध टूट गया।