दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य निर्भया के चारों दोषियों को फांसी का खौफ, नींद उड़ी, जेल में काटते रहते हैं चक्कर 12th December 201912th December 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: निर्भया के दोषियों की दया याचिका पर राष्ट्रपति का फैसला अभी नहीं आया है। लेकिन तिहाड़ जेल का माहौल कुछ बदला-बदला सा है। मानों तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों (अक्षय, मुकेश, विनय और पवन) को फांसी की भनक लग गई हो। अब उनकी नींद उड़ चुकी है, घबराहट में उनका खाना-पीना तक छूट गया है।निर्भया गैंगरेप के तीन दोषी अक्षय, मुकेश और मंडोली जेल से यहां शिफ्ट किए गए पवन को तिहाड़ की जेल नंबर-2 के वॉर्ड नंबर-3 के तीन सेल में रखा गया है। जबकि चौथे कैदी विनय शर्मा को जेल नंबर-4 में रखा हुआ है। सभी की नींद उड़ चुकी है। ये सभी न केवल घबराए हुए हैं, बल्कि ठीक से भोजन भी नहीं कर पा रहे हैं। फांसी की आहट का असर ये है कि अब दोषी अपने-अपने सेल में देर रात तक चक्कर काटते रहते हैं। किसी भी दोषी को कोई दवा नहीं दी गई है, लेकिन इन्हें तरल पदार्थ और ठोस भोजन इस तरह से दिया जा रहा है कि इनका रक्तचाप सही रहे। चारों दोषियों को फांसी देने वाली दया याचिका पर अभी राष्ट्रपति की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। लेकिन इससे पहले तिहाड़ जेल में फांसी कोठी और अन्य चीजों की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। दोषियों को 16 या फिर 29 दिसंबर (निर्भया की मौत हुई थी इस दिन) को फांसी पर लटकाया जा सकता है। बक्सर से मंगाई जाएंगी रस्सीतिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि फांसी देने के लिए सारी रस्सी बक्सर से ही मंगाई जाएंगी। हमारे पास पांच रस्सी अभी भी हैं। लेकिन हम बक्सर प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। वहां से फांसी देने वाली स्पेशल 11 रस्सी मंगाए जाने की बात है। इन्हें जल्द मंगा लिया जाएगा। क्योंकि अगर इन चारों को फांसी दी जाती है तो तिहाड़ जेल के पास जो पांच रस्सियां हैं। वह कम पड़ जाएंगी। इनमें से एक-दो रस्सी से ट्रायल भी किया जाना है। पूणे की यरवदा सेंट्रल जेल में भी ऐसी विशेष रस्सियां बनती हैं। लिहाजा तिहाड़ जेल प्रशासन वहां से भी रस्सी मंगा सकता है। यूपी से मंगाया जा सकता है जल्लादअधिकारी का कहना है कि यूं तो फांसी देने के लिए जल्लाद की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन फिर भी जरूरत महसूस हुई तो यूपी, महाराष्ट्र या फिर बंगाल से जल्लाद बुलाया जा सकता है। फांसी कोठी के गेट से अंदर घुसते ही लेफ्ट साइड में फांसी का तख्ता है। इसमें फांसी देने वाले प्लेटफॉर्म के नीचे एक बेसमेंट बनाया गया है। जहां कुछ दिन पहले बारिश का पानी भरा हुआ था। उसे निकाल दिया गया है। बेसमेंट में जाने के लिए करीब 20 सीढ़ियां हैं। जिनसे नीचे उतरकर फांसी पर लटकाए गए कैदी को बाहर निकाला जाता है। फांसी कोठी के ऊपर कोई छत नहीं है। इससे लगता ही एक छोटा सा पार्क भी बनाया गया है। जहां इन 16 सेल में रखे जाने वाले खतरनाक कैदी सैर करते हैं। Post Views: 140