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गला रेत चाइनीज मंझे का बहिष्कार, छात्रों ने ली शपथ..

वाराणसी , पतंगबाजी का मजा तभी आता है, जब आपस में उन्हें लड़ाया जाए और इन्हें लड़ानें में सबसे अहम होता है मांझा। ये वो डोर होती है जो सालों से पतंग काटने के काम आ रही है, लेकिन अब गला रेत चाइनीज मंझे से खतरा पैदा हो गया है , हर साल पतंगबाजी के दौरान कई लोग अस्पताल पहुँच जाते हैं !

नए वर्ष की शुरुआत के साथ मकर संक्रांति को देखते हुए काशीवासियों को पतंग उड़ाने का सिलसिला जोर पकड़ने लगा है, मगर वहीँ शौक तब फीका लगने लगा, जब से चाइनीज मंझा ने देशी मंझा के मुकाबले अपना पैर बाजार मे धीरे-धीरे करके पूरी तरह से पसारना शुरू कर दिया है। विगत कई वर्षों से चाइनीज मंझे से घायल होने व मौत के मुँह मे जाने वालो की सख्या बढ़ने की वजह से इसके बिक्री पर बैन लगाने की मांग को हाईकोर्ट ने संज्ञान मे लेते हुए इस पर पूर्णतया रोक लगा दिया है। मगर प्रशासन की निष्कियता के चलते यह अभी भी बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है। प्रशासन से इस पर सख्ती लगाने की मॉग व छात्रों से इसका इस्तेमाल न करने की अपील के साथ सामाजिक ”संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब” एवं लक्ष्मी अस्पताल के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, लक्ष्मी अस्पताल के प्रबन्ध निदेशक डॉ. अशोक कुमार रॉय एवं सरस्वती इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. महेश तिवारी के संयुक्त नेतृत्व में सुड़िया स्थित सरस्वती इंटर कालेज के परिसर में छात्रों को शपथ दिलाया गया कि वह ना तो चाइनीज मंझे का इस्तेमाल करेंगे और जन-जागरूकता के माध्यम से अपील करते हुए किसी और को न करने देंगे।
संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल व लक्ष्मी अस्पताल के प्रंबध निदेशक डॉ. अशोक कुमार रॉय ने सभी नगरवासियो से अपील किया कि वह मकर संक्रांति के पर्व व पतंग उड़ाने के शौक को देखते हुए सदियों से चली आ रही परम्परा के तहत देशी मंझे का इस्तेमाल करें और जानलेवा चाइनीज मंझे का पूरी तरह से बहिष्कार करें, जिससे पशु-पक्षियों के साथ -साथ आम लोगों को अकारण घायल व मौत होने की सम्भावना से बचाया जा सके।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रुप से मुकेश जायसवाल ,डॉ. अशोक कुमार रॉय, प्रधानाचार्य डॉ. महेश तिवारी, जिला फेडरेशन संघ लि० की अध्यक्षा रागिनी राय, नन्द कुमार टोपीवाले, अनिल केशरी, चन्दशेखर चौधरी, डॉ. मनोज यादव, पंकज पाठक, सहित सैकड़ो छात्रों ने हिस्सा लिया।


करंट लगने का खतरा :
चाइनीज मांझा डोर से बने मांझे से मजबूत होने के साथ-साथ सस्ता भी है। यही वजह है की लोग इस मांझे को खरीदते हैं, लेकिन ये चाईनीज मांझा खतरनाक भी है। दरअसल ये मांझा प्लास्टिक से बना होता है। इसके साथ-साथ इस पर लोहे का बुरादा लगा होता, जो अगर किसी बिजली के तार पर लग जाए, तो करंट भी लग सकता है।
चाइनीज मांझे से कट सकता है गला :
चाइनीज मांझे किसी के गले में फंसने से गला तक कट जाता है। अगर आप भी सस्ते मांझे के चक्कर में चाइना से आए इस मांझे का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी खतरा बन सकते हैं। इस हम आपसे अपील करते है कि चाइनीज मांझे का पूरी तरह से बहिष्कार करें।