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महाराष्ट्र: राऊत का चंद्रकांत पाटील पर पलटवार- एक अच्छी सुबह को सरकार बनाई थी लेकिन 72 घंटे बाद ही गिर गई!

मुंबई: शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव होने के दावे को खारिज कर दिया है। राऊत ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में सांसद राऊत ने पाटील के बयान पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि चुनाव के बारे में बोलने की जिम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग के पास है। लेकिन निर्वाचन आयोग ने पाटील को नया जिम्मा दिया है तो यह अच्छी बात है। राऊत ने पाटील उस बयान ‘राज्य में एक अच्छी सुबह सब कुछ बदल जाने वाला है’ पर कहा कि उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। विधानसभा चुनाव के बाद पाटील ने एक अच्छी सुबह को सरकार बनाई थी। लेकिन 72 घंटे बाद में ही सरकार गिर गई। इसके बाद राज्य में तंदुरुस्त सरकार बन गई है जो पांच साल चलेगी।
राऊत ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से मेरी मुलाकात से महाविकास आघाड़ी के नेताओं में नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय जब मैं राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात करता था तब भी कुछ लोग मुझसे नाराज रहते थे लेकिन उस वजह से ही राज्य में नई सरकार बन सकी।
राऊत ने कहा कि यह खबरें पूरी तरह से झूठी है कि फडणवीस और मेरी मुलाकात बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हुई थी। उन्होंने कहा कि मेरी फडणवीस से बिहार चुनाव के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है। राऊत ने कहा कि शिवसेना बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी। मैं इस बारे में जल्द ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करूंगा।

मैं दोबारा फडणवीस से मिलूंगा: राऊत
राऊत ने कहा कि मैंने फडणवीस से मुलाकात के दौरान राजनीति समेत कई मुद्दों पर चर्चा की थी। मैं साक्षात्कार की तारीख तय करने के लिए फडणवीस से दोबारा मिलने वाला हूं। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का भी साक्षात्कार लेने वाला हूं। मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से साक्षात्कार देने के लिए आग्रह किया है।

मध्यावधि चुनाव का अनुमान जरूरी नहीं कि सही हो: पाटील
दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पाटील ने मध्यावधि चुनाव होने वाले बयान पर सफाई दी है। पाटील ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के तीनों दल साथ में नहीं रह सकते। तीनों दलों में कृषि विधेयक समेत अन्य मुद्दों पर झगड़ा होगा और वे टूटेंगे। फिर आगे मध्यावधि चुनाव होगा। पाटील ने कहा कि मध्यावधि चुनाव का मेरा केवल अनुमान है जरूरी नहीं है कि मध्यावधि चुनाव राज्य में होंगे ही। पाटील ने दावा किया कि राऊत और फडणवीस की मुलाकात में कोई राजनीतिक प्रस्ताव नहीं था। उन्होंने कहा कि भाजपा का शिवसेना के साथ सरकार बनाने का कोई इरादा नहीं है। भाजपा प्रमुख विपक्ष की भूमिका निभाएगी। इससे पहले पाटील ने सोमवार को कहा था कि जब दो बड़े नेता ढाई घंटे तक बैठक की तो उन्होंने केवल चाय और बिस्कुट पर चर्चा नहीं की होगी। निश्चित रूप से राजनीति पर चर्चा हुई होगी लेकिन उस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। पाटील ने कहा था कि राज्य में मध्यावधि चुनाव होंगे। हालांकि कोई दल नहीं चाहेगा कि मध्यावधि चुनाव हो।