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संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया

संयुक्त राष्ट्र, आतंकवाद के मोर्चे पर भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। इससे पहले चीन ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत मसूद को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव से अपने कदम पीछे खींच लिए जबकि अबतक वह बार-बार अड़ंगा लगा रहा था।
UN में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि इस फैसले में छोटे, बड़े सभी साथ आए और मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया।
गौरतलब है कि मसूद के आतंकी संगठन ने ही पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। क्या चीन ने अपना स्टैंड वापस ले लिया, यह पूछे जाने पर अकबरूद्दीन ने कहा, ‘हां, डन।’
इस मामले में पड़ोसी मुल्क चीन बार-बार भारत के प्रयासों में अड़ंगा लगा रहा था। दरअसल, वह अपने सदाबहार मित्र पाकिस्तान को इस मामले में कवर कर रहा था। गौर करने वाली बात यह है कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी। ऐसे में चीन का यह रुख अपने आपमें पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।
UNSC द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के बाद अब उसकी संपत्ति फ्रीज हो सकती है। मसूद की यात्रा पर बैन लग सकता है और हथियार प्रतिबंध के दायरे में भी वह आ गया है।
10 साल में चार बार कोशिश नाकाम :
अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की पिछले 10 साल में चार बार कोशिश हो चुकी थी। सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा था। फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा। इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा। इन सभी मौकों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोक दिया था। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश सरगना अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में भी वीटो लगा दिया था।
फ्रांस ने किया स्वागत :
फ्रांस सरकार ने मसूद को UNSC 1267 प्रतिबंध समिति के द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। एक बयान में फ्रांस ने कहा, फ्रेंच कूटनीति लगातार अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रयास कर रही थी खासतौर से फरवरी में पुलवामा हमले के बाद। फ्रांस ने 15 मार्च को मसूद अजहर के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिबंध लगाया था।

मुंबई में हुए 26/11 के आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड :

मुंबई में हुए 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद भी भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को लेकर ख़ासा दबाव बनाया था।

1994 में मसूद अज़हर को श्रीनगर से गिरफ़्तार किया गया था। लेकिन 1999 में आतंकवादियों ने भारतीय विमान आईसी- 814 का अपहरण कर लिया था और वे विमान को कंधार ले गए थे। यात्रियों की सलामती के बदले में भारत को तीन आतंकवादियों मौलाना मसूद अज़हर, अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद को छोड़ना पड़ा था।

भारत से रिहा होने के बाद मसूद अज़हर ने जैश-ए-मुहम्मद का गठन किया। इस आतंकवादी संगठन ने अभी तक हिंदुस्तान में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले में भी जैश का हाथ था।