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अयोध्या के राम मंदिर का अनुभव करा रहा ‘मुंबईचा राजा’ का दरबार…

मुंबई, (राजेश जायसवाल): मुंबई के प्रसिद्ध गणपति मंडल की बात की जाये तो सबसे पहले लालबाग स्थित ‘लालबाग सार्वजनिक उत्सव मंडल, गणेशगल्ली’ के ‘मुंबईचा राजा’ और ‘लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडळ’ के ‘लालबागचा राजा’ का नाम पहले लिया जाता है, जो कि देश ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर है!

यहां हम बात करने जा रहे हैं पूरे देशभर में चर्चा का विषय बना अयोध्या का श्री राम मंदिर। अदालत में मामले की सुनवाई भी चल रही है परन्तु राम मंदिर कब देखने को मिलेगा इस बात को लेकर एक संशय बरकरार है?

इससे पहले मुंबई में यदि आपको राम मंदिर देखना हो तो आपको लालबाग के गणेशगल्ली में जाना होगा। यहां पर आपको भव्य राम मंदिर का दृश्य बरबस अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यहां की गणपति को ‘मुंबई का राजा’ माना जाता है। इस बार गणेशोत्सव में ‘मुंबई के राजा’ ने राम अवतार धारण किया है। पूरे पंडाल को राम मंदिर के प्रतिमूर्ति के रूप में बनाया गया है जिसे देखने के लिए दिन- रात काफी बड़ी संख्या में भक्तों का ताँता लगा है।
आपको बता दें कि गणेशगल्ली की गणपति मुंबई का सबसे पुराना गणपति मंडल है। यहां की गणपति का भी देश की आजादी में अहम भूमिका रहा है। इसीलिए हर साल मंडल की तरफ से सामाजिक अथवा विभिन्न मुद्दे पर देश की जनता को संदेश देने के लिए कोई न कोई नई थीम बनाई जाती है। इस बार ‘लालबाग सार्वजनिक उत्सव मंडल’ गणेशगल्ली ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मुद्दे को ध्यान में रखते हुए गणेश की मूर्ति की स्थापना राम मंदिर बनाकर की है। यहां विराजमान भगवान गणेश, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तरह हाथ में धनुष-बाण लेकर बैठे दिखाई देते हैं।
मंडल के सचिव स्वप्निल परब बताते हैं कि यह मंडल 92 वर्ष पुराना है जिसे अंबाजी मास्टर द्वारा स्थापित किया गया था। हर साल भारत के अलग-अलग प्रसिद्ध मंदिरों को पंडाल की थीम के लिए चुना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि जो लोग भारत भ्रमण करने में सक्षम नहीं है, वे यहां पर हर बार अलग-अलग मंदिरों का अनुभव ले सकें। इस वर्ष मंडल ने राम मंदिर का थीम इसलिए चुना ताकि लोग यह देख सकें कि अगर अयोध्या में राम मंदिर बनता है तो शायद वह कुछ ऐसा दिखाई देगा।
यहां बप्पा के दर्शन करने के लिए 2 तरह की कतारें रहती हैं। पहली निःशुल्क है, जबकि दूसरी कतार में लगने के लिए हर व्यक्ति को 20 रूपये की पावती लेनी पड़ती है। इस कतार में भक्त कम समय में बप्पा के दर्शन कर सकते हैं। यह पैसा गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गणेशगल्ली के गणपति की सबसे खास बात कही जाये तो यहां आपको बप्पा के दर्शन करने के लिए धक्का-मुक्की नहीं करनी पड़ती। इसके अलावा मंडल के कार्यकर्ताओं में भी भक्तों के प्रति शालीनता की झलक दिखाई देती है।
पिछले साल ‘फायर ऐंड सेफ्टी असोसिएशन’ की तरफ से मंडल को मुंबई के ‘मोस्ट सिक्योर्ड पंडाल’ का अवॉर्ड प्रदान किया गया था। इस पंडाल को बनाने के लिए दान और स्मारिका में प्रकाशित विज्ञापनों के जरिए पैसे जुटाए जाते हैं।

गुरुवार को होगी बप्पा की विदाई: गुरुवार के दिन बप्पा की विदाई की जाएगी। इसके मद्देनजर पूरे शहर में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। विसर्जन के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस सहित बीएमसी के आला अधिकारी तैयार हैं। विसर्जन को देखते हुए गिरगांव चौपाटी पर जरूरी इंतजाम कर दिए गए हैं। समुद्री तटों की सफाई को देखते हुए बड़ी संख्या में सफाइकर्मियों को भी तैनात रखा गया है। मौसम विभाग के अनुसार, 12 सितंबर को विसर्जन के दिन भारी बारिश की भी संभावना कम है। बता दें कि गुरुवार को होने वाली बप्पा की विदाई को देखने के लिए मुंबई सहित देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं।