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‘अग्निपथ’ योजना को कांग्रेस ने बताया दिशाहीन, सोनिया गांधी बोलीं- छात्रों के साथ मेरी सहानुभूति

नयी दिल्ली: ‘अग्निपथ योजना’ केंद्र सरकार के गले की फांस बनती जा रही है. देशभर में सरकार की इस योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. अब इस मसले पर सियासत भी गर्मा चुकी है. विरोध के बीच शनिवार को कांग्रेस ने इसे तुरंत वापस लेने की अपनी मांग दोहराई और सरकार को देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं करने की चेतावनी दी.

‘अग्निपथ’ योजना को सोनिया गांधी ने बताया दिशाहीन, बोलीं- छात्रों के साथ मेरी सहानुभूति
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को शनिवार को ‘दिशाहीन’ बताया और कहा कि उनकी पार्टी इसे वापस करवाने के लिए संघर्ष का वादा करती है. उन्होंने इस योजना का विरोध कर रहे युवाओं से अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण और अहिंसक ढंग से आंदोलन करने की अपील भी की है.
देश के युवाओं के नाम एक संदेश में सोनिया गांधी ने कहा- मुझे दुख है कि सरकार ने आपकी आवाज को दरकिनार करते हुए सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए नई योजना की घोषणा की, जो कि पूरी तरह से दिशाहीन है. उनके लिए अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा करते हुए, कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि युवाओं के साथ-साथ, कई पूर्व सैनिकों और रक्षा विशेषज्ञों ने भी इस योजना पर सवाल उठाये हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह सेना में लाखों पद खाली होने के बावजूद भर्ती में 3 साल की देरी को लेकर युवाओं के दर्द को समझ सकती हैं. उन्होंने कहा, वायुसेना में भर्ती की परीक्षा देकर परिणाम और नियुक्ति का इंतजार कर रहे युवाओं के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है. कांग्रेस आपके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और इस योजना को वापस करवाने के लिए संघर्ष करने और आपके हितों की रक्षा करने का वादा करती है.
सोनिया गांधी ने कहा, हम एक सच्चे देशभक्त की तरह सत्य, अहिंसा, संयम एवं शांति के मार्ग पर चलकर सरकार के सामने अपनी आवाज उठायेंगे. मैं आपसे भी अनुरोध करती हूं कि अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण एवं अहिंसक ढंग से आंदोलन करें. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आपके साथ है.
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं. श्वास नली में संक्रमण और कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के लिए उनका इलाज किया जा रहा है और वह चिकित्सकों की सघन निगरानी में हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह कृषि कानून को वापस लेना पड़ा था उसी तरह अब अग्निपथ योजना को वापस लेना पड़ेगा. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- 8 सालों से लगातार सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का अपमान किया है. मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफ़ीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना पड़ेगा. राहुल ने अपने इस ट्वीट के जरिए आरोप लगाया कि सरकार ने जवानों और किसानों का अपमान किया है.

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर से एक वीडियो शेयर कर कहा है कि आर्मी भर्ती की तैयारी करने वाले ग्रामीण युवाओं का दर्द समझिए. तीन साल से भर्ती नहीं आई, दौड़-दौड़ के युवाओं के पैरों में छाले पड़ गए, वे निराश-हताश हैं. युवा एयरफोर्स भर्ती के रिजल्ट व नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे. सरकार ने उनकी स्थाई भर्ती, रैंक, पेंशन, रुकी भर्ती, सब छीन लिया.
कांग्रेस की ओर से कहा गया कि, अग्निपथ योजना के खिलाफ पार्टी दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगी. ताजा जानकारी के मुताबिक कांग्रेस का ये प्रदर्शन बड़े पैमाने पर होगा जिसमें कई बड़े नेता और सांसद शामिल हो सकते हैं.

नाराज युवाओं को सरकार ने दी बड़ी राहत, ‘अग्निवीरों’ के लिए किए 3 बड़े बदलाव
गौरतलब है कि देशभर में हो रहे भारी विरोध के चलते सरकार ने ‘अग्निवीरों’ को CAPF और असम राइफल्स में 10% आरक्षण देने का फैसला किया गया है. इसी के साथ अभ्यर्थियों को आयुसीमा में भी छूट देने का फैसला किया गया. गृहमंत्री कार्यालय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है.
गृहमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीटर अकांउट से लिखा कि गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी. जिससे अधिकतम उम्र 23 साल से बढ़कर 28 साल हो जाएगी. वहीं अब अग्निवीरों की आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है.