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अजित पवार बोले- कहीं सेना बुलाने की नौबत न आए, पुलिस-डाक्टरों-मेडिकल स्टॉफ पर हमले सहन नहीं

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने डॉक्टरों और पुलिस पर हमले को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को लागू करने के लिए अमेरिका में सेना की मदद ली गई। महाराष्ट्र में यह नौबत न आने दें। यह हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के काम में लगे पुलिस, डॉक्टर, चिकित्सा अधिकारी और कर्मचारियों पर हमले किसी भी हालत में सहन नहीं किए जाएंगे। पुलिस और डॉक्टरों पर हमले करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नाशिक के मालेगांव मध्य सीट से एमआईएम के विधायक मोहम्मद इस्माईल अब्दुल खालिक ने चिकित्सा अधिकारी से मारपीट की है। ऐसी घटनाओं से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को धक्का लग रहा है। पालघर के वसई में पुलिस अधिकारी के शरीर पर दोपहिया वाहन चढ़ाने से वह गंभीर रुप से जख्मी है। बीड़ में पुलिस पर हमले किए गए हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस और नागरिक दोनों को ही आत्म-अनुशासन और धैर्य बरतना चाहिए। नागरिकों को कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए बर्ताव करना चाहिए। पुलिस को भी सहयोग की भूमिका रखनी चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 21 दिनों का लॉकडाउन और कर्फ्यू लागू है फिर भी दूध, सब्जी, फल, दवाई, राशन, गैसे आदि जीवनावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नियमित शुरू है। इसके बावजूद बाजार में खरीदारी के लिए भीड़ चिंताजनक है। इसके मद्देनजर स्थानीय स्वराज संस्था जीवनावश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी अथवा सोसायटी परिसर तक उपलब्ध कराने की व्यवस्था के लिए योजना बनाए। पुणे के बारामती और सातारा के कई शहर में यह व्यवस्था शुरू है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिक, विद्यार्थी, सड़कों पर रहने वाले गरीब और बेघरों को भोजन की सुविधा के लिए समाज और निजी संस्थाओं को आगे आना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नागरिकों के यात्रा पर रोक है। लेकिन कुछ लोगों के दूध के टैंकर पर बैठकर सफर करने की घटना सामने आई है। इस तरीके की लापरवाही चिंताजनक है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल एक पत्रकार को कोरोना वायरस हुआ है। इससे कमलनाथ को भी कोरोना वायरस का संक्रमण होने का खतरा है। इसके मद्देनजर राज्य के जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों को ऑनलाइन संवाद स्थापित कर सुरक्षित रहना चाहिए।