दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य एंटीलिया केस: सचिन वाजे के वसूली कारोबार में पुलिस-प्रशासन के बड़े अफसर भी हिस्सेदार, इन्हें हुआ करोड़ों का पेमेंट; NIA को मिले सबूत 5th April 20215th April 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक से भरी कार और उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामलों की जांच कर रही NIA के हाथ बड़े सबूत लगे हैं. दक्षिण मुंबई के गिरगांव इलाके के एक क्लब में रेड मारकर NIA ने एक डायरी जब्त की है. इस डायरी में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के वसूली कारोबार का पूरा कच्चा चिट्टा लिखा हुआ है. इस वसूली वाली डायरी में वाजे के कारोबार में कौन-कौन हिस्सेदार है, उन सबका लेखा-जोखा है. पुलिस-प्रशासन से जुड़े बड़े-बड़े अफसर वाजे के पार्टनर रहे हैं. उन्हें करोड़ों की पेमेंट की गई है, उन पेमेंट्स की डिटेल इस डायरी में बंद है.सचिन वाजे जिन अफसरों को पेमेंट करता था और अपने गुनाह में हिस्सेदार बनाता था उन सबका ब्यौरा लिखा करता था. उन दस्तावेजों में इस बात का जिक्र है कि उसने किस विभाग के किस अधिकारी को एक महीने में कितना पेमेंट किया था. हर नाम के सामने पेमेंट की रकम लिखी हुई है. कुछ अधिकारियों को तो उसने करोड़ों की पेमेंट की हुई है. ये सारे पेमेंट्स सचिन वाजे के पास कहां से आए, किनसे मिले, आखिर वाजे ने उसका हिस्सा बड़े-बड़े पुलिस अफसरों को क्यों दिया? इन सबकी जांच NIA कर रही है. इन अधिकारियों में दो निरीक्षक, एक पुलिस आयुक्त और एक डिप्टी कमिश्नर लेवल के पूर्व अधिकारी का भी नाम शामिल है. इनमें से तीन से पूछताछ भी हो चुकी है. मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार शिंदे था वसूली में शामिलडायरी में लिखी बातों और जब्त की गई मोबाइल की जांच में जो जानकारी सामने आ रही है उससे पता चलता है कि वाजे ने मनसुख हिरेन की हत्या में आरोपी विनायक शिंदे को भांडुप और मुलुंड इलाके के 32 क्लब, बार और लॉज से अवैध वसूली का जिम्मा सौंपा था. हर वसूली पर शिंदे को कमीशन दिया जाता था. मुंबई क्राइम ब्रांच में जिन लोगों की शिकायत दर्ज हुआ करती थी वाजे उन लोगों को ट्रैप करता था और उनसे वसूली करता था. वसूली का यह पैसा मुंबई पुलिस के बड़े अधिकारियों में बंटता था. डायरी में उन्हीं पेमेंट्स की सारी डिटेल्स लिखी हैं. CBI और ED को सौंपी जाएगी जानकारीNIA को डायरी से जो डिटेल्स हाथ लगे हैं, उनकी जांच अब CBI और ED कर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए ये सारे डिटेल्स इन एजेंसियों से शेयर करने वाली है. गिरगांव के जिस क्लब से यह डायरी बरामद हुई है एनआईए ने उसके मालिक को जांच के लिए बुलाया है. बताया जा रहा है कि इस क्लब में सचिन वाजे ने नरेश गौर और पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे (जो जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है, कोरोना की वजह से पेरोल में बाहर आया था) को नौकरी पर भी रखवाया था. फिलहाल विनायक शिंदे NIA की कस्टडी में है. बता दें कि एनआईए कोर्ट ने सचिन वाजे को 25 मार्च तक एनआईए की हिसात में भेजा दिया था बाद में इसे बढ़ाकर 3 अप्रैल किया गया और अब 7 अप्रैल तक सचिन वाजे को एनआईए की रिमांड में भेज दिया गया है. Post Views: 121