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एंटीलिया केस: सचिन वाझे 23 अप्रैल तक एनआईए की न्यायिक हिरासत में, वाझे के वकील ने की सेफ सेल में रखने की मांग

मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटक वाली कार और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में निलंबित गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का खेल यहीं तक सीमित नहीं था। एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, वाझे आतंकी संगठन के नाम पर एक और बड़ी साजिश की प्लानिंग में जुटा था। इससे पहले की वाझे अपनी दूसरी साजिश को अंजाम दे पाता वह अपने ही बुने जाल में बुरी तरह से फंस गया और अब एनआईए के शिकंजे में है।
एनआईए के सूत्रों ने बताया कि मुकेश अंबनी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के बाद सचिन वाझे और एक बड़ी साजिश की प्लानिंग में जुटा था। एनआईए के सूत्र ने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या प्रदीप शर्मा ने वाझे को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट दिया। उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का बयान चश्मदीद के तौर पर रिकॉर्ड किया गया है, संदिग्ध के तौर पर नहीं।
सचिन वाझे को एनआईए कोर्ट ने 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है। आज वाझे की हिरासत मियाद आज खत्म हो रही थी। मनसुख हिरेन की हत्या और मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले में सचिन वाझे आरोपी है। अदालत से राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सचिन वाझे की न्यायिक हिरासत की मांग की थी ताकि पूछताछ की जा सके। एजेंसी की इस मांग को अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अदालत में सुनवाई के दौरान सचिन वाझे के वकील ने उनकी जान को खतरा बताया। वाझे के वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है। इसलिए जेल में उन्हें सुरक्षित सेल मुहैया कराई जानी चाहिए ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अदालत ने सुनवाई के दौरान CBI की उस अर्जी को भी मान लिया, जिसमें उसने एनआईए द्वारा जब्त सबूतों और डॉक्युमेंट्स की जांच की बात कही थी। अदालत में पेशी से पहले भी CBI की टीम ने तीसरी बार सचिन वाझे से पूछताछ की। इधर, NIA की टीम इस केस में पूर्व एनकाउंटर कॉप प्रदीप शर्मा का भी दो बार बयान दर्ज कर चुकी है। बुधवार को शर्मा से 8 घंटे और गुरुवार को 9 घंटे की पूछताछ हुई। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए को संदेह है कि वाझे के पूरे खेल में प्रदीप शर्मा का भी हाथ हो सकता है।

अदालत में उठा लेटर लीक होने का मुद्दा
7 अप्रैल की पेशी के ठीक बाद सचिन वाझे का एक लिखित बयान मीडिया में लीक हो गया था। इसमें उसने गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर भी आरोप लगाया था। यह बयान वाझे की ओर से NIA की कस्टडी में रहने के दौरान आया था। बयान के लीक होने का मुद्दा NIA की ओर से अदालत में उठाया गया, जिसके बाद जज ने वाझे के वकील अबाद पोंडा से पूछा कि यह लेटर कैसे लीक हुआ? इस पर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर अदालत ने पोंडा से कहा कि ध्यान रखिए आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए।

बता दें कि यहां अपने लिखित बयान में वाझे ने यह भी कहा है कि वसूली कांड की पूरी जानकारी गृहमंत्री देशमुख के पीए को थी। सचिन वाझे ने अपने बयान में कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने उनकी बहाली का विरोध किया था। वे चाहते थे कि वाझे की बहाली रद्द कर दी जाए।
सचिन वाझे ने NIA को दिए गए बयान में कहा, ‘मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ड्यूटी की ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। ये बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृहमंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।’

अनिल परब ने एक ट्रस्ट से जांच के नाम पर पैसे वसूलने को कहा
सचिन वाझे ने परिवहन मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘इसके बाद अक्टूबर 2020 में अनिल देशमुख ने मुझे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बुलाया। उससे पहले ही जुलाई-अगस्त 2020 में अनिल परब ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया था। इसी सप्ताह DCP पद पोस्टिंग को लेकर इंटरनल आर्डर भी दिए गए थे।’
वाझे ने आगे बताया कि मीटिंग के दौरान अनिल परब ने मुझसे कहा SBUT ( Saifee Burhani Upliftment Trust) कंप्लेंट पर ध्यान दो, जो कि एक प्रीलिमिनरी स्टेज पर थी। साथ ही मुझे बोला गया कि मैं SBUT के ट्रस्टी से इन्क्वायरी बंद करने के लिए सौदेबाजी करूं और इसके लिए 50 करोड़ की रकम की डिमांड करूं। उन्होंने मुझे रकम के लिए शुरुआती बात करने के लिए भी कहा, लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि मैं SBUT में से किसी को भी नहीं जानता हूं और इस इन्क्वायरी से भी मेरा कोई लेना-देना नहीं था।

परब ने 50 कंपनियों से 2-2 करोड़ रुपए वसूली के लिए कहा!
अनिल परब के साथ हुई एक और मुलाकात का जिक्र करते हुए वाझे ने कहा, ‘जनवरी 2020 में मंत्री अनिल परब ने दोबारा मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया और बीएमसी में लिस्टेड ‘Praudulant Contractor’ के खिलाफ जांच की कमान संभालने को कहा। अनिल परब ने इसी तरह की 50 लिस्टेड कंपनियों में से हर कंपनी से 2 करोड़ रुपए लेने के लिए कहा। क्योंकि एक शिकायत पर इन कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही थी, जो शुरुआती दौर में थी।

अनिल देशमुख ने 1600 से ज्यादा पब और बार से वसूली करने को कहा!
जनवरी 2021 में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृहमंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार है।
आगे सचिन वाझे ने बताया कि मैंने गृहमंत्री को इस तरह बार से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि ये मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृहमंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं, तो वही करूं, जो गृहमंत्री कह रहे हैं।

परमबीर सिंह को बताई वसूली के पूरे खेल की पूरी कहानी
पत्र के आखिर में वाझे ने बताया,’इसके बाद ये पूरी बात मैंने तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह को बता दी थी और ये भी कहा था कि आने वाले भविष्य में मुझे किसी कंट्रोवर्सी में फंसा दिया जाएगा। इसके बाद तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुझे किसी भी अवैध वसूली में शामिल होने से मना कर दिया था।’ पत्र के आखिर में वाझे ने लिखा- जज साहब मैं यह बातें आपके सामने इसलिए ला रहा हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि मुझे न्याय मिले।

देशमुख के साथ अनिल परब भी CBI की रडार पर
सचिन वाझे के इस खुलासे के बाद पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा को फिर से महाराष्ट्र सरकार को घेरने का और अच्छा मौका मिल गया है। वाझे का यह बयान मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के देशमुख पर लगाए 100 करोड़ की वसूली के आरोप की पुष्टि करते हैं।

मंत्री परब बोले- बेटियों की कसम खाता हूं…मैं बालासाहेब की कसम खाता हूं…मुझ पर लगे आरोप झूठे हैं
सचिन वाझे के आरोप के बाद मंत्री अनिल परब मीडिया के सामने आये और कहा कि मैं अपनी दो बेटियों की कसम खाता हूं…मैं बालासाहेब की कसम खाता हूं, मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। यह मुझे बदनाम करने की कोशिश है। ‌BJP नेता दो-तीन दिन से चिल्ला रहे थे। वह एक और शिकार की बात कह रहे थे। उन्हें इस मामले की जानकारी पहले से थी। भाजपा को पहले से ही पता था कि सचिन वाझे आज एक पत्र देने वाले हैं, इसलिए वह ‘तीसरा विकेट लेंगे’ जैसी बात कर रहे थे। नगर निगम के ठेकेदार से मेरा कोई परिचय नहीं है। इसलिए मैं आज किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।
परब ने यह भी सवाल उठाया कि सचिन वाझे ने पहले मेरा नाम क्यों नहीं लिया? यह साबित करता है कि वह सरकार को बदनाम करना चाहता है। मैं इस मामले में किसी भी जांच और नार्को टेस्ट से गुजरने को तैयार हूं।

UAPA में सचिन वाझे की 30 दिन की कस्टडी चाहती है एनआईए
एनआईए फिलहाल एंटीलिया के पास विस्फोटक बरामदगी केस और स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या की जांच कर रही है। इससे पहले हिरेन की हत्या की जांच महाराष्ट्र एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाइड (ATS) ने शुरू की थी और पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट बुकी नरेश गोरे को अरेस्ट किया था। सचिन वाझे अभी 9 अप्रैल तक NIA कस्टडी में था। वहीं, शिंदे और गोरे को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

सचिन वाझे के एक खाते में 1.5 करोड़ रुपए मिले!
वाझे के एक बैंक खाते से 1.5 करोड़ रुपए भी मिले हैं। इस पर सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बुधवार को NIA कोर्ट को बताया कि खुद को ईमानदार बताने वाले सचिन वाझे के एक अकाउंट में इतनी बड़ी रकम मिलना शक पैदा करता है। NIA यह जांच करना चाहती है कि इतने पैसे कैसे और कहां से आए? इसी के आधार पर वाझे की कस्टडी को बढ़ाने की मांग की गई।

पिछली बार अदालत में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत वाझे को 30 दिन की कस्टडी में रखने की डिमांड की थी। इस दौरान अदालत ने कहा था कि अगली बार पेशी के दौरान सचिन वाझे को लेकर एक डिटेल हेल्थ रिपोर्ट पेश की जाए। अदालत के आदेश पर गुरुवार को वाझे का कंप्लीट हेल्थ चेकअप हुआ था।

वाझे की कस्टडी के लिए CBI की अर्जी
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली मामले की जांच करने वाली CBI ने भी वाझे की कस्टडी के लिए अदालत में फिर से अर्जी लगाई है। अर्जी में CBI ने NIA की कस्टडी में मौजूद वाझे की उस डायरी की जांच की मांग की है, जिसमें वाझे ने पैसों की लेन-देन का हिसाब लिखा था। यह डायरी क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के एक लॉकर से बरामद हुई थी। इसके अलावा NIA को वाझे की महिला मित्र के पास से भी एक डायरी मिली है।

CBI ने पांच लोगों से अब तक की पूछताछ
हालांकि, इससे पहले वह गुरुवार को NIA कस्टडी में वाझे से पूछताछ कर चुकी है। वाझे के अलावा परमबीर सिंह, जयश्री पाटिल, DCP राजू भुजबल, ACP संजय पाटिल के बयान भी CBI ने दर्ज किए है।