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एनसीपी प्रमुख पवार बोले- नागरिकता कानून से राज्य और केंद्र के बीच मतभेद बढ़ेगा; यह समस्याओं से ध्यान हटाने की साजिश

पुणे: नागरिकता संशोधन कानून का विरोध देश के कई राज्यों में जारी है। इसी बीच शनिवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, देश के 8 राज्यों ने इस कानून को लागू नहीं करने का ऐलान किया है। यह केंद्र और राज्य की सरकारों के बीच मतभेद बढ़ाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, आज देश में अलग चित्र नजर आ रहा है। लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया है। लोग रास्तों पर उतर रहे हैं। हम भी इस बिल का विरोध करते हैं।
पवार ने कहा, संसद में हमने इसके खिलाफ मतदान किया है। यह देश में मौजूद अन्य समस्याओं पर से ध्यान हटाने के लिये यह षडयंत्र रचा गया है। मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भीमा कोरेगांव हिंसा में जांच की मांग की है।
आगे पवार ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में फिर जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम गठित करने को कहा है। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गलत तरीके से कार्रवाई की गई। 31 दिसंबर 2017 को हुई एलगार परिषद में कविताओं के आधार पर कार्रवाई की गई, जो सरासर गलत है। पुणे पुलिस ने मूलभूत स्वतंत्रता पर रोक लगाने का प्रयास किया।