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कंगना के ऑफिस को तोड़े जाने पर फडणवीस बोले- ये कायरता और बदले की भावना है…

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के ऑफिस को तोड़े जाने की कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताया है।
बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ‘किसी ने आपके खिलाफ बात कही इसलिए जब आप कार्रवाई करते हो तो ये कायरता है बदले की भावना है और महाराष्ट्र में इस तरह की भावना का सम्मान नहीं हो सकता।’
बता दें कि बीएमसी ने आज बांद्रा वेस्ट के पालीहिल रोड पर स्थित कंगना रनौत के 48 करोड़ के दफ्तर (मणिकर्णिका फिल्म्ज़) के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया है, जिसको लेकर महाराष्ट्र सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।

क्या कहा पूर्व CM देवेन्द्र फडणवीस ने?
देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ‘अपने खिलाफ बात करने वालों को हम रास्ते पर रोककर मारेंगे और सरकार के समर्थन से हम ये काम करेंगे ऐसा महाराष्ट्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो बात गलत है उसे गलत कहना ही चाहिए, लेकिन उस बात से महाराष्ट्र का जितना अपमान होता है या महाराष्ट्र पुलिस का जितना अपमान होता है उतना ही अपमान सरकार जिस प्रकार की कार्रवाई कर रही है उस कार्रवाई के कारण महाराष्ट्र का पूरे देश में हो रहा है। अगर अवैध निर्माण है तो जरूर कार्रवाई होना चाहिए, लेकिन सबके साथ ये कार्रवाई होती निश्चित रूप से उचित कार्रवाई होती। किसी ने आपके खिलाफ बात कही इसलिए जब आप कार्रवाई करते हो तो ये कायरता है बदले की भावना है और महाराष्ट्र में इस तरह की भावना का सम्मान नहीं हो सकता।

महाअघाड़ी सरकार में मंथन शुरू
दूसरी ओर कंगना के दफ्तर पर हुए ऐक्शन के बाद महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार में मंथन शुरू है। इस मामले के मीडिया में तूल पकड़ने के बाद जहां महाराष्ट्र की उद्धव सरकार विवादों के घेरे में है, वहीं तमाम लोग भी सीएम उद्धव पर सवाल उठा रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और महाअघाड़ी के सहयोगी नेता शरद पवार ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की है।
शिवसेना प्रमुख और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हुई इस बैठक में प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब भी शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना के कंगना रनौत के मुद्दे पर स्टैंड को लेकर एनसीपी और शिवसेना में मतभेद की स्थितियां हैं, जिसके कारण दोनों दलों की आपस में मुलाकात हुई है।
हालांकि अब तक इस बैठक को लेकर दोनों पार्टियों की ओर से कोई भी बयान नहीं दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में शरद पवार और उद्धव के बीच यह फैसला हुआ है कि महाअघाड़ी मुंबई बीएमसी की कार्रवाई में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। सरकार ने यह तय किया है कि कंगना के दफ्तर में हुए ऐक्शन के मुद्दे को कई तरजीह नहीं दी जाएगी।