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काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हर दिन बाबा का स्पर्श दर्शन कर सकेंगे नियमित दर्शनार्थी

वाराणसी, (राजेश जायसवाल): कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने सभी के लिए बाबा के गर्भ गृह में स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी थी। परन्तु अब कोरोना का संक्रमण कम होता जा रहा है, जिसको देखते हुए ही मंदिर प्रशासन ने इस रोक को हटा दिया है। मंदिर में अब नियमित दर्शनार्थी सुबह 4 से 4.30 बजे तक गर्भगृह में जाकर बाबा का दर्शन-पूजन कर पाएंगे।

बता दें कि पिछले दिनों बाबा के स्पर्श दर्शन को लेकर नियमित भक्तों ने प्रशासन से गुहार लगाई थी। साथ ही स्थानिक लोग BJP विधायक व पर्यटन मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी के पास भी गए थे। इस बारे में काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ सुनील वर्मा ने बताया कि नियमित दर्शनार्थियों के लिए स्पर्श, दर्शन का निर्णय लिया गया है।

शिवभक्तों की भीड़ थामने को तैयारियों में जुटी पुलिस
१ मार्च ‘महाशिवरात्रि’ को लेकर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चुनाव में फोर्स के जाने के बाद पुलिस के लिए शहर में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की चुनौती है। मंदिर प्रशासन संग भी बैठक कर व्यवस्थाओं का खाका खींचा जा रहा है। महाशिवरात्रि के दिन बाबा विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ने की भी आशंका है, लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखी जाएगी। शिवालयों और ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले मेले और विविध आयोजनों को लेकर कमिश्नरेट और ग्रामीण पुलिस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

शिव बरात को लेकर धर्मगुरुओं संग बैठक
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया है कि किसी के साथ अभद्र व्यवहार न करें, बुजुर्गों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। चेकिंग के नाम पर किसी को परेशान न किया जाए। संदिग्धों पर बराबर निगरानी रखें। उधर, रविवार को एसीपी कोतवाली त्रिलोचन त्रिपाठी ने रामनगर थाने में महाशिवरात्रि से संबंधित कार्यक्रमों और क्षेत्र के शिवालयों से निकलने वाले शिव बरात को लेकर धर्म गुरुओं संग बैठक की। इस दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने और पुलिस का सहयोग करने की अपील की। बैठक में रामनगर इंस्पेक्टर अश्विनी पांडेय सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ड्रीम प्रोजेक्ट ‘काशी विश्वनाथ धाम’ का लोकार्पण किया था। वास्तव में अब बाहर से अंदर तक मंदिर की आभा देखते ही बनती है। इसके बाद से विश्वनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा तो हुआ ही है, साथ ही दावा किया गया कि सुगम दर्शन के नाम पर दर्शनार्थियों से 300 रुपये वसूले जा रहे हैं।

आइए जानते हैं- क्या है इसकी सच्चाई?

मंदिर से चंद कदम पर ही सड़क किनारे बने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास सुविधा केंद्र या हेल्प डेस्क के कांच के गेट पर वैसा ही पोस्टर हमें देखने को मिला, जैसा सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि 300 रुपये सुगम दर्शन का दर है। इस पोस्टर पर यह भी लिखा मिला कि आखिर सुगम दर्शन के टिकट के एवज में क्या-क्या मिलेगा?
जैसे- नि:शुल्क शास्त्री, लॉकर और प्रसाद, इसके अलावा आरती का भी टिकट दर 180 रुपये लिखा मिला, लेकिन जैसे ही गेट से इंट्री करते हुए शिलापट्ट भी मिला। इस पर साफ-साफ लिखा था कि 21 दिसंबर 2018 को हेल्प डेस्क का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है।
वहां मौजूद विनय शास्त्री ने बताया कि 2018 दिसंबर से सीएम योगी ने सुगम सेवा का शुभारंभ किया था, इसमें तीर्थयात्री को सुविधा दी जाती है, 300 रुपये के टिकट के एवज में उनको ले जाकर दर्शन कराया जाता है, उनको कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होती है और दर्शन के बाद प्रसाद का बॉक्स भी दिया जाता है।
मौके पर मौजूद दूसरे शास्त्री नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि सुगम सेवा में लॉकर की भी सुविधा दी जाती है, श्रद्धालु 10-15 मिनट में दर्शन कर लेता है, क्योंकि आम मार्ग से हटकर अलग मार्ग से ले जाया जाता है और विधिवत दर्शन कराया जाता है। यह सुगम दर्शन दिसंबर 2018 से शुरू हुआ है और निरंतर सेवा दे रहा है। यहां मंदिर के अंदर किसी भी श्रद्धालु को कैमरा या मोबाईल फोन साथ में ले जाना मना है।