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कोरोना मरीजों को एडमिट नहीं कर रहे हैं प्राइवेट अस्पताल: किरीट सोमैया

बीजेपी विधायक का आरोप – बेड के अभाव में मरीज फर्श पर!

मुंबई: पूरे देश में कोरोना वायरस की सबसे अधिक मार महाराष्ट्र पर पड़ी है। राज्य में भी सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मुंबई में हैं। महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 27 हजार को पार कर गया है और एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। महामारी से निपटने में उद्धव सरकार का पूरा महकमा लगा है, लेकिन सरकारी अव्यवस्थाओं पर आरोप लग रहा है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती न किए जाने का आरोप लगाया है।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को लिखे खत में किरीट सोमैया ने कहा, कल शाम मैंने और डॉक्टरों ने 6 प्राइवेट कोविड अस्पतालों में 4 मरीजों को भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन किसी ने उन्हें एडमिट नहीं किया। दो मरीज मुलुंड के थे और दो मरीज सायन के। प्राइवेट अस्पतालों ने कहा कि वे हाउस फुल हैं और कोई बेड नहीं है।

किरीट सोमैया ने कहा, मैं मुलुंड, चेंबुर, पवई, सायन, परेल के प्राइवेट कोविड अस्पतालों में मरीजों को एडमिट कराने की कोशिश की। एडमिट नहीं किए जाने पर मैंने स्वास्थ्य मंत्री को खत लिखा। इस खत के जरिए उन्हें इस महत्वपूर्ण मामले में दखल देकर समस्या का हल करने की अपील की गई। इससे पहले किरीट सोमैया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें अस्पताल से एक मरीज छलांग लगाता दिखाई दे रहा है। किरीट सोमैया ने दावा किया था कि यह वीडियो मुंबई स्थित सायन अस्पताल का था।
किरीट सोमैया ने अपने ट्वीट में लिखा था- सायन हॉस्पिटल में कोरोना वार्ड 5 का एक और वीडियो। कोरोना वायरस से पीड़ित एक मरीज 3 मई की रात 9:25 बजे खिड़की से कूद गया। बाद में गार्डों ने उसे वापस लाया। यह वही वार्ड है, जहां शवों को मरीजों के साथ रखा गया था। वाह रे ठाकरे सरकार!

बीजेपी विधायक का आरोप- बेड के अभाव में मरीज फर्श पर
दूसरी ओर बीजेपी विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल में बेड के अभाव में मरीज फर्श पर पड़े हुए हैं।
राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कदम ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि मुंबई के अस्पतालों में बेड नहीं है और कोरोना ग्रसित लोग घरों में पड़े हैं। उन्होंने कहा, मुंबई के किसी भी हॉस्पिटल में चाहे वह प्राइवेट हो, सरकारी हो या बीएमसी का हो। बेड उपलब्ध नहीं है। ना ऑक्सिजन है, ना वेंटिलेटर है। कुछ भी उपलब्ध नहीं है।
राम कदम ने कहा, कल 3 मरीजों को ऐडमिट करने के लिए मैंने स्वयं हॉस्पिटल में फोन किया। कई घंटों की कोशिश के बाद मरीजों को ऐडमिट तो कर लिया लेकिन 65 वर्ष के वृद्ध मरीज को केईएम अस्पताल में अब तक बेड नहीं मिला है। यह हालात अब है 15 दिन के बाद। तो लोगों को घर पर ही मौत से जूझते हुए क्या मरना होगा?