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गुजरात से उत्तर भारतीयों का पलायन.. मासूम बच्ची से रेप का मामला

अहमदाबाद , देश में मासूमों के साथ रेप की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर स्थित एक कंपनी में 14 माह की मासूम बच्ची से रेप की घटना के बाद राज्य में स्थानीय लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं और उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर हमले कर रहे हैं। नाबालिग से रेप के बाद आ रही हिंसा की खबरों के बीच पुलिस सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर रही है। पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने बताया कि अब तक हिंसा के मामलों में कुल 342 लोगों को हिरासत में लिया गया है और पुलिस की संख्या बढ़ाई जा रही है। साथ ही राज्यभर के पुलिसकर्मियों की छुट्टी अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी गई हैं।
डीजीपी शिवानंद ने कहा कि गैर-गुजराती लोगों पर हमला करने के मामले में अब तक 342 लोगों को हिरासत में लिया गया है। राज्यभर के सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी गई हैं। सुरक्षाबलों की 17 कंपनियों को तैनात किया गया है।
बता दें कि 14 माह की मासूम से रेप के बाद गुजरात में उत्तर भारतीयों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। इस हिंसा के चलते हजारों की संख्या में उत्तर भारतीय गुजरात छोड़कर अपने-अपने घर की ओर पलायन करने को मजबूर दिख रहे हैं। इस मामले में हमला करने वाले लोगों में ज्यादातर ठाकोर समुदाय का नाम सामने आ रहा है।

पुलिस ने बताया कि 28 सितंबर को साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर कस्बे के पास एक गांव में मासूम बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार हुआ था। उन्होंने बताया कि बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम के मजदूर को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। झा ने बताया कि गैर गुजरातियों पर हमले के बाद से राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 18 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा, हमनें 170 लोगों को गिरफ्तार किया है। हमनें कारखानों और (हाउसिंग) सोसाइटियों में निगरानी बढ़ा दी है। हम सोशल मीडिया संदेशों पर भी सख्त नजर रख रहे हैं।
ठाकोर समुदाय पर हिंसा करने का आरोप लगने के बाद कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, हमने कभी हिंसा की वकालत नहीं की और हमेशा शांति की बात की है।