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..जब आधी रात को एक महिला की सुरक्षा का जिम्मा ड्राइवर और कंडक्टर ने उठाया

मुंबई , मायानगरी मुंबई जिस रफ़्तार के लिए जानी जाती है, उसकी एक मिशाल यहां एक बस ड्राइवर और कंडक्टर ने दिखाई। दरअसल, रात करीब 1:30 बजे एक महिला को सन्नाटे इलाके में बस से उतारने के बाद वे तब तक वहां खड़े रहे जब तक महिला को ऑटो रिक्शा नहीं मिल गया। इस बात से प्रभावित होकर महिला ने दोनों की तारीफ करते हुए ट्वीट किया जिसे पढ़कर लोग उनकी मिसाल दे रहे हैं।
बता दें कि मंतशा शेख नाम की महिला रात को 1:30 बजे घर लौट रही थीं। वह जिस बस में थीं उसमें ड्राइवर प्रशांत मायेकर और कंडक्टर राज दिनकर ड्यूटी पर थे। जब वह अपने स्टॉप पर उतरने लगीं तो ड्राइवर ने उनसे पूछा कि क्या कोई उन्हें लेने आ रहा है। जब उन्होंने इनकार किया तो ड्राइवर ने बस तब तक आगे नहीं बढ़ाई जब तक उन्हें ऑटो नहीं मिल गया। मंतशा को अकेले देख उनकी सुरक्षा को दोनों ने अपनी जिम्मेदारी समझा और पूरी बस के साथ इंतजार किया। वे 10 मिनट तक रुके रहे और तब आगे बढ़े जब उन्होंने ऑटो को सही दिशा में जाते देख लिया। मंतशा का कहना है कि उन दोनों के व्यवहार ने उन पर बहुत बड़ा असर डाला है। उन्होंने कहा, मुझे लगा कि अगर मेरा परिवार मेरे पास नहीं है तो मुंबई मेरा ध्यान रखेगा। मुझे इस शहर से एक बार फिर प्यार हो गया है।
लगभग 10 साल से BEST के लिए काम कर रहे दिनकर ने बताया कि उनकी ट्रेनिंग में उन्हें सिखाया गया था कि महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को कैसे सुरक्षित महसूस कराना है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सबसे बड़ी है। अगर कोई महिला आरे कॉलोनी जैसे सूनसान इलाके में उतरती है तो हम अतिरिक्त सतर्कता बरतते हैं।
इसी तरह मायेकर को भी BEST में 12 साल हो गए। उन्होंने बताया कि दिन के वक्त को ट्रैफिक से जूझते हुए उन्हें टाइम पर यात्रियों को पहुंचाना होता है। ऐसे में रात के समय में उनकी कोशिश होती है कि यात्रियों के लिए कुछ ज्यादा कर सकें। उन्होंने बताया कि कई बार यात्रियों को ऐसी जगह छोड़ा जाता है जहां उन्हें रिक्शा मिल सके।