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गोरखपुर मनीष गुप्ता हत्याकांड: एक्शन में सीएम योगी

गोरखपुर: कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। जिसके मुतबाबिक, पुलिस की मारपीट से ही मनीष की मौत हुई है।
वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि दोषी कोई भी हो छोड़ा नहीं जाएगा। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अधीन 2 कमेटियां बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं। जो कि पूरे मामले की जांच करेंगी।
इसी बीच एक हैरान करने वाला वीडिया सामने आया है। जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी पीड़िता को धमकी भरे अंदाज में केस दर्ज न कराने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन पीड़िता का कहना है कि वह इंसाफ लेकर रहेगी।

केस वापस लेने के लिए नौकरी और पैसे का प्रलोभन
दरअसल, सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह गोरखपुर का है। जिसमें डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी डॉ. विपिन टाडा एक पुलिस चौकी में मनीष के परिवार से बात करते दिखाई दे रहे हैं। जिसमें अधिकारी बार-बार कह रहे हैं कि आप अपना केस वापस ले लीजिए, नहीं तो पुलिसवालों का परिवार बर्बाद हो जाएगा। आप किसी तरह की कोई भी एफआईआर नहीं करवाइये।

पीड़िता की मांग- मौत के बदले चाहिए मौत!
इतना ही नहीं वीडियो में प्रशासन के अधिकारी मनीष की पत्नी मीनाक्षी को नौकरी और पैसे का भी लालच दे रहे हैं। साथ ही कहा कि मुकदमा दर्ज होगा और केस बहुत लंबा चलेगा कोई न्याय नहीं मिलेगा। इससे अच्छा है कि आप केस खत्म करिए और नौकरी लीजिए। लेकिन पीड़िता का कहना है कि उसे ना तो नौकरी चाहिए और ना ही कोई पैसा, मुझे इंसाफ चाहिए। पति की मौत के बदले आरोपियों की मौत…यानि जान के बादले जान चाहिए।

प्रशासन ने 6 पुलिसवालों को किया निलंबित
बता दें कि प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में गोरखपुर के थाना रामगढ़ताल में पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत 6 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उनकी पुलिस टीम ने मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर चोट के निशान दिख रहे हैं, जो यह बयां कर रही है कि उसे बुरी तरह से पीटा गया।

किन पुलिसकर्मियों को किया गया सस्पेंड
मनीष गुप्ता की पिटाई के बाद मौत के मामले में जिन छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें रामगढ़ताल थाने के एसएचओ जगत नारायण सिंह के साथ अक्षय मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कांस्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया गया है.

मनीष गुप्ता के घर पहुंचे अखिलेश यादव
मनीष गुप्ता की मौत के बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। बीते सोमवार मनीष गुप्ता (36) की देर रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। आरोप है कि हालत खराब होने के बाद पुलिस मनीष को लेकर एक निजी अस्पताल गई थी, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मेडिकल कॉलेज एंबुलेंस से अकेले ही भेज दिया था, जहां डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया। मामला राजनीतिक होने के बाद आज सपा अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव मृतक के परिजनों से मिलने कानपुर पहुंचे।
इससे पहले आज सुबह से ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मनीष गुप्ता के घर के बाहर मौजूद हैं। सपा कार्यकर्ताओं द्वारा यहां नारेबाजी की गई तो मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने उन लोगों से इस मामले का राजनीतिकरण न करने की अपील की थी। अखिलेश यादव विधायक इरफान सोलंकी के जरिए डीसीपी साउथ रवीना त्यागी को भीतर बुलाने की बात कही, लेकिन डीसीपी मनीष के घर के बाहर मौजूद नहीं थीं। लिहाजा इरफान सोलंकी को वापस जाना पड़ा।

योगीराज में पुलिस जान ले रही
मनीष की पत्नी से मिलने के बाद सपा नेता अखिलेश यादव मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए। अखिलेश ने कहा कि योगीराज में पुलिस रक्षा नहीं कर रही है, जांन ले रही है।हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में मामले की जांच होनी चाहिए। परिवार की मदद के लिए सरकार को दो करोड़ रुपये देने चाहिए। समाजवादी पार्टी भी परिवार को 20 लाख रुपये देगी। अखिलेश ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चहिए।

कारोबारी मनीष गुप्ता मामले में CBI करे जांच: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से मारे गए व्यापारी के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की है। मायावती ने गुरूवार को ट्वीट किया- यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा 3 व्यापारियों के साथ होटल में बर्बरता व उसमें से एक की मौत के प्रथम द्दष्टया दोषी पुलिसवालों को बचाने के लिए मामले को दबाने का प्रयास घोर अनुचित। घटना की गंभीरता व परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जांच जरूरी।
उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिसवालों के विरूद्ध पहले हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करना किन्तु फिर जन-आक्रोश के कारण मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना सरकार की नीति व नीयत दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। सरकार पीड़िता को न्याय, उचित आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी दे, बीएसपी की मांग।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात आई सामने
मनीष की मौत सिर पर चोट लगने से हुई। इसके अलावा शरीर पर भी घाव के निशान मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिनभर की कवायद के बाद शाम छह बजे पोस्टमार्टम शुरू किया गया। रिपोर्ट में सिर में चोट के अलावा शरीर पर घाव के निशान सामने आए हैं। इससे एक बात तो साफ है कि सिर्फ गिरने भर से ऐसी चोट संभव नहीं है। दूसरे, होटल के कमरे में गिरने से इस तरह की चोट पर भी सवाल उठ रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आज तड़के हुआ मनीष का अंतिम संस्कार
प्रशासन से इस बात का आश्वासन मिलने पर कि परिवार की सभी बातें मानी जाएंगी, परिवार मनीष का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गया। इसके बाद आज सुबह 4.00 बजे ही भैरव घाट में मनीष का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

पुलिस लाइन पहुंचा पीड़ित परिवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए पीड़ित परिवार पुलिस लाइन पहुंच गया है। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम खत्म होने के बाद वापसी के दौरान परिवार को हेलीपैड पर मिलवाया जाएगा।
मनीष के परिजनों में पत्नी मीनाक्षी, बेटा अभिराज, पिता नंदकिशोर, भाई सौरव, भांजा दुर्गेश बाजपेई, मित्र दीपक श्रीवास्तव, रंजीत सिंह अधिवक्ता व बहनोई रोहित पुलिस लाइन में सीएम से मुलाकात करेंगे।

मृतक की पत्नी की छह मांगे…
– 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए
– सरकारी नौकरी दी जाए
– केस को कानपुर नगर में ट्रांसफर किया जाए
– हत्याकांड की सीबीआई जांच हो
– जिस होटल में हत्याकांड को अंजाम दिया गया उस पर भी कार्रवाई की जाए
– दोषी पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए