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जानें- निर्भया गैंगरेप मामले में अब तक क्या-क्या हुआ…

नयी दिल्ली: निर्भया के दोषियों को तिहाड़ जेल में ठीक साढ़े 5 बजे लिवर खींच कर फांसी पर लटका दिया गया। गैंगरेप और निर्मम हत्या के 7 साल बाद आखिरकार शुक्रवार सुबह निर्भया को इंसाफ मिल ही गया। उसके चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, पवन और विनय का आज सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दे दी गई।
जानकारी के मुताबिक फांसी देने के बाद चारों दोषियों को आधे घंटे तक लटकाए रखा गया। इसके बाद जेल के अंदर मौजूद डॉक्टर चारों की जांच कर मौत की पुष्टि भी कर दी। तिहाड़ जेल का लॉकडाउन ख़त्म किया जा चुका है। मेडिकल टीम ने शवों की जांच कर उन्हें फांसी से उतार दिया है। शवों को एंबुलेंस के जरिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पहुंचाया जाएगा वहां पांच डॉक्टरों की टीम बॉडी का पोस्टमार्टम करेगी। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी की जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद चारों शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
अक्षय की फैमिली दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंची है। अक्षय के भाई का कहना है कि वो अक्षय की डेड बॉडी बिहार ले जाना चाहता है। लेकिन उसके पास ले जाने के लिए पैसे नहीं हैं।
बता दें कि चारों शवों के पोस्टमार्टम में तीन से चार घंटे लग सकते हैं। तिहाड़ जेल के डीजी ने कहा, दोषियों ने फांसी से पहले अपनी कोई आखिरी इच्छा नहीं बताई थी।

निर्भया को इंसाफ मिला
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि देर से ही सही निर्भया को इंसाफ मिला। बेटी को बचा नहीं पाई लेकिन इंसाफ दिलाया। देश की बेटियों के लिए संघर्ष किया। पर मेरा परिवार खुशी या उत्सव नहीं मनाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। पीड़िता को निर्भया नाम से जाना गया।
5 मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वॉरंट जारी किया था। मामले के दोषियों ने सजा से बचने के लिए आखिरी वक्त तक हर पैंतरा आजमाया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल सकी। दिल्ली हाईकोर्ट के बाद चारों में से एक दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां फांसी के कुछ घंटे पहले उसकी याचिका खारिज कर दी गई। सभी दोषियों ने अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल किया पर उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके थे।

पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिए जाएंगे तीन दोषियों के शव
तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि निर्भया के दोषियों ने जेल में काम करके 1 लाख 37 हजार कमाए थे। अक्षय ने 69 हजार रुपये, पवन ने 29 हजार रुपये और विनय ने 39 हजार रुपये कमाए थे। इन पैसों को उनके परिवार वालों को दिया जाएगा। वहीं, मुकेश ने कोई काम नहीं किया था।
तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट ने बताया कि दोषियों के सामान और कपड़ों को भी इकट्ठा कर लिया गया है। इसमें विनय के पास से एक हनुमान चालीसा और एक बाबा जी की फोटो मिली है। दोषी पवन के पास के कुछ नहीं मिला, सिर्फ कपड़े हैं। अक्षय के पास भी कुछ खास सामान नहीं था। उसके कपड़े और जेल में काम से हुई कमाई परिवार को दे दिया जाएगा।
निर्भया के दोषी मुकेश के शरीर के अंग डोनेट किए जाएंगे। मुकेश ने लिखित में इसकी इच्छा जाहिर की थी। जबकि, बाकी तीन दोषियों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिए जाएंगे।

मुझे पहले दिन से पता था, इस केस में क्या फैसला आएगा
निर्भया केस के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि मुझे पहले दिन से पता था कि इस केस में क्या फैसला आएगा। फिर भी मैंने ये केस हाथ में लिया। उन्होंने कहा कि पहले मैंने यह केस लड़ने से मना कर दिया था। लेकिन दोषी पवन की पत्नी ने मेरी मां के सामने मुझसे रिक्वेस्ट किया इसलिए मैंने इस केस को हाथ में लिया। इस केस को हाथ में लेने पर मुझे धमकियां मिलीं, सोशल मीडिया पर गालियां पड़ीं। उन्होंने कहा कि निर्भया की मौत का राजनीतिक फायदा उठाया गया।