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जानें…महाराष्‍ट्र में नई सरकार बनाने को लेकर क्यों हो रही देरी?

मुंबई: महाराष्‍ट्र में चुनाव परिणाम आने के 20 दिन बाद भी जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच राज्‍य में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना और कांग्रेस ने पहली बार सीधी बातचीत शुरू कर दी है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने एक समन्‍वय समिति की स्‍थापना की है। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना रहे हैं जिसमें तीनों ही दलों के चुनावी घोषणा पत्र को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा भावी मंत्री परिषद के स्‍वरूप को लेकर भी बातचीत का दौर जारी है। इस बीच अपने भतीजे अजीत पवार को लेकर मीडिया में चल रही अटकलों पर बुधवार को शरद पवार भड़क गए और कहा कि मीडिया नेताओं की ‘निजता’ का सम्‍मान करे।

दिल्ली आ रहे हैं शिवसेना के वरिष्ठ नेता!
खबर है कि एनसीपी मुखिया शरद पवार और शिवसेना के नेतृत्व ने कांग्रेस से सिर्फ समर्थन देने के बजाय सरकार में शामिल होने अपील की है। शिवसेना और एनसीपी का मानना है कि महाराष्ट्र में ‘बीजेपी विरोधी’ सरकार को स्थिरता देने के लिए कांग्रेस की राज्‍य सरकार में भागीदारी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने जाकर इस बात को रखने के लिए शिवसेना के कुछ वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंच सकते हैं। पवार ने कांग्रेस के सरकार में शामिल होने को लेकर अहमद पटेल की अगुवाई वाले पार्टी प्रतिनिधिमंडल से मंगलवार को बात की थी।

उद्धव ठाकरे के साथ कांग्रेस के दिग्गजों की मीटिंग
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बुधवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोरात और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के साथ मुलाकात में अपनी पार्टी की ओर से यह निवेदन किया। थोरात और चव्हाण ने बाद में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग की। महाराष्ट्र में सत्ता में साझेदारी के फॉर्म्‍युले पर लगातार बातचीत हो रही है। सरकार बनाने को लेकर राजनीतिक गलियारे में एक फॉर्म्‍युले पर काफी चर्चा हो रही है।

यह हो सकता है सरकार का फॉर्म्‍युला
इस फॉर्म्‍युले में दावा किया जा रहा है कि शिवसेना और एनसीपी ढाई-ढाई साल तक मुख्‍यमंत्री पद साझा करेंगे, वहीं कांग्रेस का 5 साल तक डेप्‍युटी सीएम होगा। इसके अलावा, महाराष्‍ट्र मंत्रिपरिषद में शिवसेना को 16, एनसीपी के 14 और कांग्रेस के 12 मंत्री होंगे। इस बीच शिवसेना नेता राउत ने कहा कि उनके पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री के पद के दावेदार हैं। शिवसेना ने चुनाव प्रचार के दौरान आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया था।

अमित शाह बोले- शिवसेना की मांग नाजायज
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा कि शिवसेना जो मांग कर रही है, वह जायज नहीं है। चुनाव के पहले पीएम मोदी और मैंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि अगर हमारा गठबंधन जीता, तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे। तब किसी को आपत्ति नहीं हुई। अब शिवसेना एक नई मांग को लेकर आ गई है, जो हमें स्वीकार नहीं है।