ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य

महाराष्ट्र: राष्ट्रपति शासन के बाद, मंत्रालय से सभी पूर्व मंत्रियों ने खाली किए अपने दफ्तर

मुंबई: महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्यपाल की ओर से बुधवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर मुख्यमंत्री कार्यालय समेत सभी मंत्रियों को मंत्रालय स्थित कार्यालय शाम साढ़े पांच बजे तक खाली करने का निर्देश दिया। इसके बाद पूरे दिन सीएम कार्यालय और मंत्रियों के कर्मचारी सामान समेटने में व्यस्त रहे।
मिली जानकारी के मुताबिक, सभी 42 मंत्रियों ने अपने दफ्तर छोड़ दिए हैं। बता दें कि सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत राज्य में 24 कैबिनेट और 18 राज्य मंत्री थे। ज्यादातर दफ्तरों में कर्मचारी देर रात तक कार्यालय खाली करते दिखे। हालांकि, डेडलाइन सिर्फ शाम पांच बजे तक ही थी। इतने कम समय में कार्यालय खाली करने का फरमान मिलने से कर्मचारी परेशान दिखे। उनका कहना था कि थोड़ा और समय मिलना चाहिए था। इससे ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था कर सामान को आसानी से तय जगह पर भेजा जाता, लेकिन हमें दी गई समय सीमा का ध्यान रखना पड़ा। कई मंत्रियों ने अपने-अपने कार्यालयों में छोटे-बड़े फ्रीज रखे थे, जो कर्मचारियों के लिए मुसीबत बन गए। एक दिन के भीतर कार्यालय खाली करने का आदेश मिलने के बाद कर्मचारियों के सामने इसे हटाने की समस्या पैदा हो गई थी।

मुख्य सचिव को रिपोर्ट करेंगे
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। राज्य के सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव और अधिकारी अब मेहता को रिपोर्ट करेंगे।

देवेंद्र फडणवीस को ‘वर्षा’, मंत्रियों को खाली करना होगा बंगला
राष्ट्रपति शासन लगने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अब ‘वर्षा’ बंगला 15 दिनों के भीतर खाली करना पड़ेगा। यही नियम सभी मंत्रियों पर भी लागू होता है। यदि सीएम या कोई मंत्री तय समय सीमा के भीतर बंगला नहीं खाली करता है, तो उसे जितने दिन रहेगा उतने दिन का किराया भरना पड़ेगा।