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लखनऊ में गैंगवार की आशंका, मुख्तार अंसारी के करीबी अजीत सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. यहां अपराधी बेखौफ होकर अपराध करते और पुलिस को चुनौती देते नजर आते हैं. ताजा मामला बुधवार का है, जब राजधानी के एक पॉश इलाके में दिनदहाड़े गोलीबारी से हड़कंप मच गया. जहां बेखौफ बदमाशों ने मऊ जिले की एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख के पति अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी! अजीत, बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाता था.
दिल दहला देने वाली यह वारदात लखनऊ के विभूतिखंड की है. जहां बदमाशों ने गोलीबारी करके पूरे इलाके में दहशत फैला दी. दरअसल, बदमाशों ने अपना निशाना मऊ की एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख के पति और मुख्तार के करीबीअजीत सिंह को बनाया. उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई. इस हमले में अजीत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनके साथ मौजूद एक शख्स गोली लगने से घायल हो गया.
जबकि वहां से गुजर रहा एक राहगीर भी इस गोलीबारी की चपेट में आकर घायल हो गया. उसका नाम आकाश बताया जा रहा है. उसके पैर में गोली लगी है. अजीत सिंह की सरेराह गोली मारकर हत्या करने वाले बदमाश मौके से फरार हो गए.
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और अजीत के शव को कब्जे में ले लिया. जबकि उनके घायल साथी और राहगीर आकाश को अस्पताल में पहुंचाया गया. इस हत्याकांड को लेकर पुलिस हर एंगल से छानबीन में जुट गई है. पुलिस कमिश्नर भी मौके पर पहुंच गए हैं.
हालांकि इस सनसनीखेज वारदात को गैंगवार के तौर पर देखा जा रहा है. पुलिस अब इस मामले की छानबीन कर रही है. लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं. पुलिस मौका-ए-वारदात और आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है. ताकि आरोपियों का कोई सुराग मिल सके.
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ध्रुव कुमार ठाकुर का कहना है कि करीब साढे 8 बजे और पौने 9 के बीच विभूतिखंड थाना क्षेत्र में गोलीबारी की घटना हुई है. जिसमें अजीत सिंह नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई. जबकि उनके साथ मौजूद मोहर सिंह नामक शख्स घायल है. इसी दौरान वहां से गुजर रहे एक राहगीर आकाश के पैर में गोली लगी दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया है. उनकी हालत खतरे से बाहर है.

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक, मृतक अजीत सिंह ब्लॉक प्रमुख नहीं है. उसकी पत्नी पहले ब्लॉक प्रमुख थी. अजीत सिंह एक माफिया और अपराधी था. इसके खिलाफ 17-18 मुकदमें दर्ज हैं. जिसमें से पांच मर्डर के हैं. इसको हाल ही में 31 दिसंबर को जिला मजिस्ट्रेट ने जिला बदर किया है. इसके साथी मोहर से बात हो रही है, उन्होंने खुलकर अभी कुछ नहीं बताया. जो इन लोगों को गोली मारने वाले हैं, वो इनके परिचित ही हैं. डीके ठाकुर का कहना है कि अजीत और उसके साथी मोहर सिंह ने भी जवाब में गोली चलाई थी. लेकिन किसी को गोली लगी या नहीं इसका अभी पता नहीं चल सका है. पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है. मोहर सिंह ने पूछताछ में बताया कि तीन हमलावर थे, मोटरसाइकिल पर आए थे. गोली क्यों चली, क्या मामला था? इस बात की छानबीन की जा रही है. पुलिस को आशंका है कि गोली मारने वाले अजीत के परिचित ही हैं. कुल 25-30 राउंड फायरिंग हुई है. ऐसा मौके पर मिले खोल से अनुमान लगाया गया है. प्रतिबंधित बोर से गोलियां चलाई गई हैं.

हत्यारे पैदल आए थे, गाड़ी से फरार हुए
मिली जानकारी के मुताबिक, तीन बदमाश कठौता झील पर पैदल आए थे. जैसे ही पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह गाड़ी से वहां पहुंचे, बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू दी. इसके बाद तीनों बदमाश कार में बैठकर फरार हो गए. बताया जा रहा कि बचाव में अजीत सिंह की तरफ से भी फायरिंग की गई थी. मौके से पुलिस को कारतूस के 8 खोल मिले हैं. आसपास लगे CCTV फुटेज से हत्यारों की तलाश की जा रही है.

सिंपू सिंह हत्याकांड में गवाह थे अजीत
गैंगवार में मारे गए अजीत सिंह आजमगढ़ के विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सिंपू सिंह की हत्या में मुख्य गवाह थे. सिंपू सिंह की 19 जुलाई 2013 को हत्या हुई थी.
बता दें कि योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ और एनसीआर में आनेवाले नोएडा में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के मकसद से पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू की थी. इन दोनों शहरों को अलग-अलग जोन में बांटकर डीसीपी बनाए गए हैं. लेकिन बावजूद इसके अपराधी बेखौफ होकर पुलिस को चुनैती देते नजर आते हैं.