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‘दशहरा रैली’ की इजाजत के बाद उद्धव ठाकरे ऐसा क्यों बोले- कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी राज्य सरकार और पुलिस की होती है!

मुंबई: उद्धव ठाकरे ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा उनके शिवसेना को मुंबई के शिवाजी पार्क में ‘दशहरा रैली’ करने की इजाजत दे दी है. शनिवार शाम को आये उच्च न्यायालय के इस फैसले ने ठाकरे गुट में जान फूंक दी है. दोनों ही गुटों के लिए शिवाजी पार्क में ‘दशहरा रैली’ करना प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई थी. अब कोर्ट का फैसला उद्धव के पक्ष में आने से यह उनकी पहली जीत और शिंदे गुट को बड़ा झटका समझा जा रहा है.
इसके साथ ही कोर्ट ने साफ कर दिया है कि शिवसेना के उद्धव गुट को ध्यान रखना होगा कि त्योहार के समय कानून-व्यवस्था भंग न हो. कोर्ट ने यह भी कहा, शिवसेना के ठाकरे गुट ने इसकी गारंटी दी है.
इसी के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ‘मातोश्री’ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कोर्ट के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी. इस वक्त वे खुश नज़र आ रहे थे.
पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- ‘हमेशा हम खराब बातें ही क्यों सोचें, वो कहते हैं ना- शुभ-शुभ बोल’!
बता दें कि हाईकोर्ट ने ठाकरे गुट की शिवसेना को रैली की इजाजत तो दी है, लेकिन साथ ही अगर कोई तनाव या शांति-व्यवस्था को खतरे जैसी कोई स्थिति पैदा होती है तो इसकी जिम्मेदारी भी उन पर डाल दी है. ऐसा खासतौर पर इसलिए क्योंकि बीएमसी के वकील ने कोर्ट में यही तर्क दिया था कि उसने कानून-व्यवस्था के लिए कोई समस्या खड़ी ना हो, इसलिए दोनों ही गुटों को इजाजत नहीं दी है. यही वजह है कि कोर्ट ने शांति-व्यवस्था सही रखने की जिम्मेदारी ठाकरे गुट की शिवसेना पर भी डाली और ठाकरे गुट ने कोर्ट को यह गारंटी भी दी कि कहीं रैली में कोई गड़बड़ी नहीं होगी.
उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज हम न्याय का अनुभव कर रहे हैं. ‘हमें रैली करने की इजाजत मिली है, कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी राज्य सरकार और पुलिस की होती है. पर हम भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे. गाजे-बाजे के साथ आएं, गुलाल उड़ाएं, लेकिन पूरी शांति के साथ. अपनी पुरानी परंपरा को कलंकित ना होने दें. आइये पूरी जोश से आइये. पर कोई उंगली न उठाये ऐसा काम करिये. हम शिवराया के महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. बाकी लोग क्या करेंगे, मालूम नहीं. लेकिन दशहरा रैली की तरफ राज्य ही नहीं देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले मराठी भाई-बहनों की नजरें टिकी हैं.

उद्धव की अपील
दशहरा रैली में आने वाले सभी शिवसैनिकों, माता-बहनों से मेरा निवेदन है, यह हमारी 56 साल की परंपरा है, ऐसा कोई काम न करें जिससे कोई उंगली उठाये, उत्साह से आओ, आवाज से आओ लेकिन अनुशासन से आओ!