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धारावी पुनर्विकास के लिए उच्च समिति लेगी अंतिम निर्णय

मुंबई, एशिया का सबसे बड़ी झोपड़पट्टी कही जाने वाली धारावी का इंतजार अब खत्म होता नजर आ रहा है। धारावी झोपड़पट्टी पुनर्विकास (डीआरपी) का मसला 14 साल बाद सुलझने की संभावना बढ़ गई है। इस परियोजना के लिए वैश्विक स्तर पर निविदा मंगाई गई थी, जिसमें सेकलिंक कंपनी ने बाजी मारी है। अब उसपर राज्य की उच्च स्तरीय समिति की मुहर लगनी शेष है। माना जा रहा है कि अगले 5 से 6 दिनों में यह समिति अंतिम निर्णय ले लेगी। इसके बाद राज्य सरकार की तरफ से घोषणा की जाएगी।
राज्य सरकार ने धारावी के झोपड़ियों का पुनर्विकास के लिए 2004 में विशेष प्राधिकरण की स्थापना की थी। इतनी बड़ी परियोजना के लिए निविदा पर बड़ी-बड़ी कंपनियों की नजर थी, लेकिन पुनर्विकास की शर्तों को लेकर सब उदासीन थे। इस परियोजना के लिए निविदा निकालने से पहले विकासकों के साथ प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक हुई। इसके बावजूद निविदा को अच्छा प्रतिसाद नहीं मिला। केवल एक ही विकासक सेकलिंक ने रुचि दिखाई, जिसके बाद दो बार निविदा की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी। आखिरकार एक और कंपनी अडानी इन्फ्रा कंपनी ने निविदा भरी। इसके बाद निविदा के लिए दुबई स्थित सेकलिंक कंपनी का चयन किया गया है।