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बनारस के हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स से बात करते हुए भावुक हुए पीएम मोदी, बोले- अभी लंबी लड़ाई लड़नी है…महामारी पर दिया नया मंत्र-‘जहां बीमारी वहीं उपचार’

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, कोरोना योद्धाओं और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों से बात करते हुए भावुक हो गए। डॉक्टरों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना ने हमारे कई अपनों को छीन लिया। इतना कहते ही उनकी आंखें भर आयी। उन्होंने अपने आंसू पोंछते हुए कहा कि मैं उन सभी लोगों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं और उनके परिजनों के समक्ष सांत्वना व्यक्त करता हूं। चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी और आशा वर्कर्स समेत अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मी हर हालात में डटे रहे। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के साथ लड़ाई अभी लंबी है, अब गांव-गांव पर ध्यान देना होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि अब हमारा नया मंत्र है ‘जहां बीमार…वहीं उपचार’। इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर-घर दवाएं बांट रहे हैं, ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके उतना व्यापक करना है।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी वेव में हमें कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना पड़ रहा है। इस बार संक्रमण दर पहले से कई गुना ज़्यादा है और मरीज़ों को ज़्या​दा दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ रहा है। इन सबसे हमारे हेल्थ सिस्टम पर एक साथ बहुत बड़ा दबाव पैदा हो गया है।

प्रधानमंत्री ने ब्लैक फंगस का जिक्र करते हुए कहा कि एक और नई चुनौती भी सामने आई है। इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है। मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक प्रयासों से स्थिति को संभालने में काफी हद तक मदद मिली है लेकिन यह संतोष का समय नहीं है और एक लंबी लड़ाई लड़नी है। प्रघानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर विशेष ध्यान देने को कहा।
इसी के साथ पीएम मोदी ने नया मंत्र दिया कि जहां बीमारी है वहीं इलाज है। हर मरीज तक इलाज पहुंचाना है। यह जरूरी है कि वैक्सीन हर जन तक पहुुंचे। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री ने पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल सहित वाराणसी के विभिन्न कोविड अस्पतालों के कार्यों की समीक्षा की। साथ ही जिले के अन्य गैर-कोविड अस्पतालों के कार्यों की भी समीक्षा की।
बता दें कि पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल का निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और सेना के संयुक्त प्रयासों से आरंभ किया गया है।