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नालासोपारा के अस्‍पताल में 3 घंटे में 7 कोविड मरीजों की मौत! परिजनों ने लगाया ये गंभीर आरोप…

मुंबई: विरार के नालासोपारा पूर्व में ‘विनायक अस्पताल’ की गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती सात कोविड मरीजों की सोमवार को तीन घंटे के भीतर मौत हो गई। जहां परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण मौतें हुई हैं, वहीं अस्पताल प्रशासन ने कहा कि मरीज गंभीर हालत में थे। मृतकों के परिजनों का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के बारे में सूचित नहीं किया। मृतकों के परिवारजनों ने अस्पताल के बाहर जमा होकर विरोध जताया।और मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उत्तेजित भीड़ को खदेड़ने के लिए पास के तुलिंज पुलिस स्टेशन के अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
मिली जानकारी के मुताबिक, वसई-विरार और नालासोपारा के अस्‍पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी बताई जा रही है। जिसकी वजह से यहां गंभीर हालत में भर्ती मरीजों को दूसरी जगह भर्ती करवाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

विनायक अस्पताल में मरने वाले रोगियों में 52 वर्षीय रामबाबू वर्मा, 55 वर्षीय रंजनबेन शाह और 52 वर्षीय रिजवान कादरी थे। दर्जी का काम करने वाले रामबाबू वर्मा को 5 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह हृदय रोग से पीड़ित थे। रंजनबेन शाह को एक सप्ताह पहले भर्ती कराया गया था। उनके परिजनों ने बताया कि हमें लगा कि अगर हम उसे विनायक अस्पताल में भर्ती कर देंगे तो वह ठीक हो जाएगी। लेकिन डॉक्टरों ने मरीजों की उचित देखभाल नहीं की। ऑक्सीजन की भारी कमी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने हमें अंधेरे में रखा।

वहीँ अस्‍पताल के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे एक व्‍यक्ति ने बताया कि मैंने देखा कि एक कर्मचारी एम्बुलेंस से ऑक्सीजन सिलेंडर उतार रहा है और अस्पताल के अंदर भाग रहा है। अगर कोई कमी नहीं थी, तो उसने अपनी वैन से ऑक्सीजन सिलेंडर क्यों लिया?
मलाड की रहने वाली कादरी अपने फेफड़ों के संक्रमण और गंभीर निमोनिया के इलाज के लिए लगभग 10 दिन पहले विनायक अस्पताल में भर्ती हुई थीं। मुंबई में तेजी से बढ़ते संक्रमण की वजह से अस्पताल के डॉक्टर भी काफी तनाव में हैं। मरीजों की अत्यधिक भीड़ के चलते डॉक्टरों को सांस लेने की फुर्सत नहीं मिल रही है। ऐसे में उनकी भी तबीयत खराब होने के आसार नजर आने लगे हैं।