चुनावी हलचलदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव: दीदी ने लगाई शानदार हैट्रिक…! पीएम मोदी ने दी बधाई

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार हैट्रिक लगाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रतिष्ठापूर्ण नन्दीग्राम सीट से अपना चुनाव हार गईं। ममता ने कहा है कि वे नन्दीग्राम में हुई शरारत के खिलाफ अदालत जाएंगी। दरअसल, शाम होने से पहले ही ममता की जीत की खबर आने लगी थीं। बताया जा रहा था कि उन्होंने भाजपा के शुभेंदु अधिकारी को 1200 वोटों से हरा दिया है। फिर अचानक शाम ढले घोषणा हुई कि ममता 1622 वोटों से हार गई हैं।
पहले जीत और फिर अचानक हार के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको जनादेश स्वीकार है। लेकिन वे इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगी। उन्होंने कहा, जानकारी मिली है कि वहां नतीजे की घोषणा के बाद कुछ खेल हुआ है। ममता ने मतदाताओं से नन्दीग्राम के नतीजे पर चिंता न करने की अपील की है और याद दिलाया है कि टीएमसी ने 221 से भी ज्यादा सीटें जीती हैं।
इसके पहले जब टीएमसी ने जीत का आंकड़ा छुआ तो वे सबके सामने आईं, पैर के प्लास्टर के बगैर। उन्होंने जय बंगाल का नारा लगाते हुए उपस्थित लोगों से घर जाने को कहा। ममता ने जनता को अभूतपूर्व जीत के लिए धन्यवाद और बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब उन्हें कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में कूदना है। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण शपथग्रहण समारोह बहुत सादगीपूर्ण और संक्षिप्त रखा जाएगा। उन्होंने सबको कोविड-19 से सुरक्षित रहने की अपील करते हुए मौजूद लोगों से घर जाने को कहा। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने पहले ही विजय जुलूसों और समारोहों पर रोक लगा रखी है ताकि कोरोना संक्रमण नहीं फैले।

दरअसल, कुछ देर पहले ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ये कहा कि नंदीग्राम की जनता जो भी फैसला करेगी उसे वह स्वीकार करेगी। यानी कि इशारों में ही ममता ने नंदीग्राम में अपनी ‘हार’ स्वीकार कर ली। उन्होंने नंदीग्राम के लिए काफी संघर्ष किया है। लेकिन नंदीग्राम में जो भी कुछ हुआ उसे भूल जाइए। हम पूरे राज्य में भारी बहुमत के साथ जीते हैं। ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीएमसी समर्थकों से जश्न नहीं मनाने की अपील की और कहा कि यह जीत बंगाल के लोगों की जीत है।

हालांकि, रविवार को नंदीग्राम का परिणाम शुरू से ही उतार चढ़ाव वाला रहा। कभी शुभेंदु 7 हजार से आगे निकले तो कभी ममता 27 सौ से आगे हो गईं। आखिरी चरण तक पता ही नहीं चल पा रहा था कि ऊंट किस करवट बैठने जा रहा है। अभी भी नंदीग्राम को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन बंगाल में ममता की जीत हर मायने में खास है। यही वजह रही कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ममता ने मोदी और शाह को बता दिया कि उन्हें भी हराया जा सकता है।

गौरतलब है कि नंदीग्राम सीट की बंगाल की राजनीति में एक खास अहमियत है। ममता बनर्जी के राजनीतिक उत्थान की वजह नंदीग्राम का भूमि अधिग्रहण आंदोलन था। इसमें अधिकारी परिवार ने कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दिया। ममता ने भी उन्हें अच्छा रिटर्न दिया और परिवार के तकरीबन सभी सदस्यों को बेहतरीन तरीके से एडजस्ट किया। शुभेंदु को उन्होंने अपना सिपहसालार बनाया, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षा की वजह से शुभेंदु ने उन्हें छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। अधिकारी परिवार के इस कदम से ममता बिफऱ गईं और उन्होंने परिवार को जड़ से खत्म करने के लिए नंदीग्राम से ताल ठोक दी।

कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल में ममता की जीत के कई दूरगामी परिणाम होंगे। सबसे पहला परिणाम तो यही निकाला जाना चाहिए कि भाजपा क्षेत्रीय दलों को धीरे-धीरे खत्म कर उनकी जगह लेती जा रही है। दूसरा- कांग्रेस दिशाहीनता का शिकार होकर अपनी बची-खुची सीटें भी खोती जा रही हैं। अब किसी भी गठबंधन में कांग्रेस या राहुल गांधी की लीडरशिप संभवतया स्वीकार नहीं की जाएगी। तीसरा नतीजा कि अब देश भर के विपक्ष को ममता बनर्जी के रूप में एक सर्वमान्य और ताकतवर चेहरा मिलने की उम्मीद बहुत ज्यादा बढ़ गई है। फिलहाल इसी प्वॉइंट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

मोदी-शाह को चुनौती देकर बड़े अंतर से हराया!
फिलहाल पूरे देश में ऐसा कोई भी नेता नहीं दिखाई देता जिसे मोदी और शाह की जोड़ी के सामने देशव्यापी विपक्ष का सर्वमान्य नेता स्वीकार किया जा सके। यूपीए में सोनिया गांधी के नेतृत्व में सभी पार्टियां एकजुट थीं लेकिन 2019 की हार के बाद से सभी पार्टियां अलग-थलग हो गईं। इसके बाद अलग-अलग स्टेट्स में कांग्रेस की हार ने कांग्रेस को इस स्थिति में नहीं छोड़ा कि दूसरी पार्टियां राहुल गांधी या कांग्रेस की लीडरशिप को स्वीकार कर सकें। ऐसे में ले-देकर ममता बनर्जी ही बचती हैं जिन्होंने न सिर्फ मोदी-शाह की जोड़ी को चुनौती दी बल्कि उन्हें बहुत बड़े अंतर से हराया भी है। उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में जीत की हैट्रिक लगाकर यह साबित कर दिया कि करिश्माई व्यक्तित्व के मामले में वह मोदी से किसी भी तरह कम नहीं हैं।

पहले भी ममता बनर्जी को बताया गया था PM पद का उम्मीदवार
ममता बनर्जी को पहले भी एकजुट विपक्ष में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा जाता था परन्तु बात नहीं बन पाई। इस वक्त स्थितियां कुछ अलग हैं। सभी विपक्षी दल ममता का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं और संभव है कि 2024 के चुनाव में ममता बनर्जी संयुक्त विपक्ष का चेहरा बन कर लोकसभा चुनाव में उतरें। हालांकि अभी 2024 बहुत दूर है और बीच में कुछ अप्रत्याशित घटनाएं इतिहास का रूख बदल सकती हैं। फिर भी कुल मिलाकर आज ममता बनर्जी ही एकमात्र ऐसी नेता हैं जो न केवल स्थानीय वरन राष्ट्रीय मुद्दों पर भाजपा को चुनौती देती है फिर चाहे वो धारा 370 हो, एनआरसी हो या सीएए।

मां, माटी और मानुष का नारा देकर बंगाल को अपनी मुट्ठी में करने वाली ममता ने ही 2019 में भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की थी मगर वो मोदी के जादू के सामने टिक नहीं पाया। बंगाल में हैट्रिक लगाने के बाद जिस तरह देश के बड़े विपक्षी नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं, उससे यही लगता है कि जल्दी ही एक बार हमें नया विपक्ष देखने को मिलेगा और उसकी लीडरशिप पूरी तरह से ममता बनर्जी के हाथ में होगी।

राजनीतिक अनुभव आएगा काम
राहुल गांधी या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार दूसरे नेताओं के मुकाबले ममता बनर्जी का राजनीतिक अनुभव भी उन्हें मैच्योर और ताकतवर प्रतिद्वन्दी के रूप में दिखाता है। उन्होंने अकेले अपने दम पर बंगाल में लेफ्ट को हराकर सरकार बनाने का कारनामा भी कर दिखाया था। वह देश की पहली महिला रेलमंत्री का पद संभाल चुकी हैं। वह केन्द्र में पी.वी. नरसिम्हा राव, अटल बिहार वाजपेयी तथा मनमोहन सिंह की सरकार में केन्द्रीय मंत्री की भूमिका निभा चुकी है। बंगाल में पिछले दस वर्षों से वह मुख्यमंत्री पद संभाल रही हैं। ऐसे में उनसे लोगों की उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं। अब यह देखना रोचक होगा कि ऐसा कब और किस तरह संभव होगा।

नंदीग्राम से हारीं ममता, शुभेंदु अधिकारी ने 1736 वोटों से हराया
नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी को हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने 1622 वोटों से ममता को हराया। इन नतीजों पर ममता ने ऐतराज जताया है और एक बार फिर TMC की आपत्ति पर काउंटिंग हुई। दोबारा काउंटिंग में भी शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 1736 वोटों से हरा दिया।

री-काउंटिंग में पलटी बाजी
वोटों की गिनती के दौरान नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। काउंटिंग के दौरान कभी बनर्जी आगे तो कभी अधिकारी लेकिन आखिरी राउंड की काउंटिंग में पासा पलटा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री आगे हो गईं। ममता की जीत की घोषणा हो गई लेकिन शुभेंदु ने आपत्ति दर्ज की इसके बाद नंदीग्राम सीट पर री-काउंटिंग में ममता को हार का सामना करना पड़ा।

कोर्ट जा सकती हैं ममता
नंदीग्राम सीट के नतीजों पर अब ममता बनर्जी आपत्ति उठा रही हैं। ममता ने कहा है कि वे इन नतीजों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मैंने टारगेट किया था 221 का, अब बंगाल की विजय हुई है। ममता ने कहा कि यह बंगाल की विजय है। बंगाल की विजय पर मैं पूरे भारत वर्ष को बधाई देती हूं। चुनाव आयोग पर एक बार फिर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे साथ बहुत क्रूर व्यवहार किया गया है’।

शपथ ग्रहण समारोह नहीं
ममता ने कहा है कि वह शपथ ग्रहण समारोह नहीं करेंगी। विधानसभा सत्र कब बुलाया जायेगा ये तय होगा। कोरोना के हालातों पर उन्होंने कहा, हम कोरोना के तूफान को संभाल देंगे। उन्होंने कहा, आज मेरे जितना खुश कोई नहीं होगा मैं सोच नहीं सकती थी कि मुझे इतनी सीट मिलेंगी। ममता ने लोगों से विजय यात्रा नहीं निकालने की अपील की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जीत पर ममता को दी बधाई!
बंगाल चुनाव के नतीजों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को टीएमसी की जीत पर बधाई दी है। उन्‍होंने कहा- पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत पर ममता बनर्जी को बधाई। केंद्र सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को हर संभव मदद जारी रखेगी।

पीएम मोदी ने आगे कहा है कि मैं पश्चिम बंगाल की अपनी बहनों और भाइयों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमारी पार्टी को आशीर्वाद दिया है। बंगाल में पहले की नगण्य मौजूदगी की तुलना में अब भाजपा की उपस्थिति में काफी बढ़ोतरी हुई है। भाजपा जनता की सेवा करती रहेगी। मैं चुनावों में उत्साही योगदान के लिए पार्टी के हर कार्यकर्ता की सराहना करता हूं।

पीएम मोदी ने केरल में एलडीएफ की जीत पर सीएम पी विजयन को भी बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि मैं केरल विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पी विजयन और एलडीएफ को बधाई देता हूं। हम एक साथ काम करना जारी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत कोरोना महामारी को कम कर सके। पीएम मोदी ने आगे कहा कि केरल के लोगों का आभार जिन्होंने इन चुनावों में हमारी पार्टी को समर्थन किया। मैं भाजपा के मेहनती कार्यकर्ताओं की कोशिशों की सराहना करता हूं।

पीएम मोदी ने तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में जीत के लिए एमके स्टिालिन को भी बधाई दी। उन्‍होंने कहा- तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में जीत के लिए एमके स्टिालिन को बधाई। हम राष्ट्रीय प्रगति, क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने और महामारी को हराने के लिए मिलकर काम करेंगे।

पीएम मोदी ने आगे कहा- मैं तमिलनाडु के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने एनडीए का समर्थन किया। मैं तमिलनाडु के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य के कल्याण की दिशा में काम करते रहेंगे और शानदार तमिल संस्कृति को आगे बढ़ाएंगे। मैं भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना करता हूं।

असम के लोगों ने एनडीए के विकास के एजेंडे और राज्य में हमारी सरकार को फिर से आशीर्वाद दिया है। मैं असम के लोगों को इसके लिए धन्यवाद देता हूं। मैं एनडीए कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और लोगों की सेवा में उनके अथक प्रयासों की सराहना करता हूं। मैं कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और उत्तराखंड के लोगों को विभिन्न उपचुनावों में भाजपा को आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद देता हूं। हमारी पार्टी लोगों के कल्याण के लिए काम करती रहेगी।