उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य

प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने के मुद्दे पर रेलवे का जवाब- मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा, राज्य सरकारों से वसूला केवल मानक किराया

नयी दिल्ली: रेल यात्रा के लिए प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने के मुद्दे पर देश में राजनीति जारी है। इस बीच रेलवे ने साफ किया है कि उसने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। उसने संबंधित राज्यों से केवल मानक (स्टेेंडर्ड) फेयर ही लिया है। प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने के मुद्दे पर राजनीति के बीच रेलवे ने साफ किया है कि उसने प्रवासी मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है, जो रेलवे की कुल लागत का महज 15 प्रतिशत है। रेलवे ने केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई सूचियों के आधार पर यात्रियों को ट्रेनें में यात्रा की अनुमति दी है।
रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं और संकट के इस समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है। रेलवे ने इस दौरान कोरोना वायरस लॉकडाउन के नियमों को पालन करते हुए शारीरिक दूरी को बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में एक बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक विशेष ट्रेनें चला रहा है। प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए गाडिय़ों को पूरी तरह लॉक रखा जा रहा है और वापस में पूरी ट्रेन खाली आ रही हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि रेलवे द्वारा प्रवासी मजदूरों को मुफ्त भोजन और बोतलबंद पानी दिया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक रेलवे, राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है, जो रेलवे की कुल टिकट लागत का महज 15% है। यानि रेलवे खुद टिकट की 85% लागत वहन कर रहा है। रेलवे ने साफ किया कि उसने केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई सूचियों के आधार पर यात्रियों को ट्रेनें में यात्रा की अनुमति दी है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए रेलवे की नई गाइडलाइंस
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहीं रेलवे की विभिन्न जोनों के लिए गाइडलाइंस जारी कर कहा गया है कि वे यात्रियों के बीच सांप्रदायिक संघर्ष की संभावना और उपद्रवियों पर नजर रखने के साथ-साथ सभी यात्रियों के व्यवहार पर भी निगाह रखें।
रेलवे शुक्रवार से अब तक 67 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर चुका है और अब उसने सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल पर विस्तृत गाइडलाइंस जारी की हैं। रेलवे ने गाइडलाइंस को तीन वर्गो में विभाजित किया है :- आरंभिक स्टेशन, गंतव्य स्टेशन और ट्रेन में सफर। इसमें स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास द्वार के साथ-साथ ट्रेनों में सुरक्षा प्रबंध के बारे में भी बताया गया है। सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए पूर्व कर्मियों, होम गा‌र्ड्स, निजी सुरक्षाकर्मियों की सेवाएं लेने का सुझाव दिया गया है।
गाइडलाइंस के मुताबिक उपद्रवियों की पहचान होने पर उन्हें समूह से अलग किया जाएगा। मामला बढ़ने पर इसकी सूचना तुरंत राज्य पुलिस को दी जाएगी। प्रारंभिक और गंतव्य दोनों स्टेशनों पर ट्रेनों का सैनिटाइजेशन किया जाएगा। ट्रेनों के टॉयलेट में लिक्विड सोप उपलब्ध कराया जाएगा और उनकी सफाई के लिए ट्रेनों में न्यूनतम सफाई कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि स्पेशल ट्रेन तभी चलाई जाएगी जबकि उसमें 90 फीसद सीटें भरी होंगी और राज्य टिकट का किराया एकत्रित करेंगे।
रेलवे ने एक मई से अब तक 67 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये करीब 67,000 कामगारों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। मंगलवार को 21 और ट्रेनों को चलाया गया है जो मुख्य रूप से बेंगलुरु, सूरत, साबरमती, जालंधर, कोटा और एर्नाकुलम से चलाई गई हैं। रेलवे ने हालांकि आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया है कि उसने इन सेवाओं पर कितना खर्च किया है, लेकिन सरकार का कहना है कि इस खर्च को राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात में साझा किया गया है।
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि पहली 34 ट्रेनों के संचालन पर रेलवे ने 24 करोड़ रुपये और राज्यों ने 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए। सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक ट्रेन के संचालन पर रेलवे 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है। प्रत्येक यात्री से मेल/एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर क्लास के किराये के साथ-साथ 30 रुपये सुपर फास्ट शुल्क और 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। हालांकि कामगारों से किराया लेने के लिए विपक्षी पार्टियां रेलवे की तीखी आलोचना कर रही हैं।

राहुल गांधी ने सरकार पर बोला हमला
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राजनीति करते हुए सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लॉकडाउन के दौरान रेल यात्रा के लिए प्रवासी मजदूरों से रेल किराया चार्ज करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि रेलवे ऐसे समय में रेल टिकट के लिए प्रवासी मजदूरों से पैसे वसूल रहा है जिस समय वह PM-CARE फंड में पैसे दान कर रहा है।