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प्रवासी मजदूर मुंबई वापस नहीं लौटे तो भूमिपुत्रों को मिले नौकरी: राज ठाकरे

मुंबई: लॉकडाउन की वजह से महाराष्ट्र में काम करने वाले हजारों प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य वापस लौटना चाहते हैं। जबकि काफी लोग वापस लौट भी चुके हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने इन मजदूरों को लेकर कहा है कि अगर प्रवासी श्रमिक वापस नहीं लौटते हैं तो नौकरियां स्थानीय लोगों को दी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन वापस लिये जाने के बाद जो लोग राज्य में आना चाहते हैं उन्हें कोरोना वायरस की जांच के बाद ही आने की अनुमति दी जानी चाहिए।
राज ठाकरे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने लॉकडाउन को लागू कराने में पुलिस की सहायता के लिए प्रदेश रिजर्व पुलिस के जवानों को तैनात किये जाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, उन स्थानों पर और अधिक पुलिस बलों की जरूरत है जहां लोग प्रशासन को हल्के में लेते हैं। निषिद्ध क्षेत्रों में पुलिस बलों को बढ़ाया जाना चाहिये।
बता दें कि गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ सर्वदलीय नेताओं की बैठक हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ठाकरे समेत अन्य नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में हिस्सा ले रहे थे।
उप मुख्यमंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात और पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण सहित कई मंत्री बैठक में सरकार की तरफ से हिस्सा ले रहे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ नेता राज्य सचिवालय में आए थे।
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, बैठक के दौरान सचिवालय में मौजूद थे। उनके साथ वहां पर पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चह्वाण समेत कई अन्य मंत्री भी थे। इसके बावजूद राज ठाकरे ने मुंह पर मास्क नहीं लगाया था। जबकि उनके हाथों में एक रुमाल भी था।
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति पर विपक्ष के नेताओें के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये चर्चा की। ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि केन्द्र सरकार राज्य के साथ सहयोग कर रही हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हर चर्चा और निर्देश के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं।
उन्होंने कहा, मैं आपसे फोन पर बात कर रहा हूं और आपकी राय ले रहा हूं। आप जो मीडिया में कह रहे हैं वे भी मैं देख रहा हूं। अगर अच्छे सुझाव होते हैं तो मैं प्रशासन से उस पर गौर करने को भी कहता हूं।
उन्होंने कहा, केन्द्र सरकार भी सहयोग कर रही है। प्रधानमंत्री भी गंभीर मुद्दों पर राय देने के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं।
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों को गृह निवास लौटने के लिए कोई चिकित्सा प्रमाणपत्र दिखाने की जरूरत नहीं है, जैसा कि पहले कहा गया था। सरकार ने बताया कि प्रवासी/फंसे हुए लोग जो अपने गृह निवास वापस लौटना चाहते हैं, उनकी यात्रा के दौरान मुफ्त में जांच की जाएगी।