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बीएमसी को Bombay High Court की फटकार, फुटपाथ पर स्टाल लगाना जनहित के विरुद्ध

मुंबई: बांबे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को फटकार लगाते हुए कहा कि फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए है। फुटपाथ का उद्देश्य पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराना है। फुटपाथ पर स्टाल लगाना जनहित के विरुद्ध है।
बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई स्थानीय निकाय स्टाल मालिकों को फुटपाथ के बीच में स्टाल लगाने की अनुमति देता है तो यह उद्देश्य विफल हो जाता है। जस्टिस एसबी शुकरे और जस्टिस एमडब्ल्यू चंदवानी की पीठ ने बीएमसी को पिछले साल लिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया जिसमें 11 स्टाल मालिकों को मध्य मुंबई के वर्ली में एक अस्पताल के बाहर स्थित फुटपाथ पर स्टाल लगाने की अनुमति दी गई थी।
बांबे हाईकोर्ट ने गैर सरकारी संगठन द्वारा बीएमसी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि स्टाल मालिक को फुटपाथ पर स्टाल लगाने की अनुमति देना प्रथम दृष्टया जनहित के विरुद्ध है। क्योंकि इससे पैदल चलने वालों को दिक्कतें पैदा होती हैं। फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए है। यह किसी के व्यवसाय करने के लिए नहीं है। फुटपाथ पर जगह नहीं होने से लोगों को सड़क पर चलना पड़ता है। इससे वे खुद अपने जीवन को तो खतरे में डालते हैं, सड़क पर चलने वाले वाहनों में सवार लोगों को भी खतरा होता है।