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बीएमसी ने कोरोना वैक्सीन के लिए निकाला ग्लोबल टेंडर रद्द किया, बीजेपी का दावा- ‘हमने रोका वैक्सीन स्कैम’

मुंबई: मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कोरोना वैक्सीन सप्लाई के लिए निकाले गए ग्लोबल टेंडर को रद्द कर दिया है. इस ग्लोबल टेंडर में नौ कंपनियों ने भाग लिया था. इन सभी कंपनियों द्वारा वैक्सीन सप्लाई के लिए जो मापदंड होने चाहिए वह मापदंड बीएमसी की जांच में पूरे नहीं पाए गए.
कई कागजात नहीं होने के चलते बीएमसी ने इस ग्लोबल टेंडर को रद्द कर दिया है.
बता दें कि 12 मई को ग्लोबल टेंडर निकाला गया था. 25 मई को टेंडर प्रक्रिया समाप्त होनी थी, जिसे 1 जून तक बढ़ाया गया और अब ग्लोबल टेंडर रद्द कर दिया गया है.
बीएमसी ने भारत में रूस की बनाई ‘स्पुतनिक वी’ वैक्सीन सप्लाई करने वाले डॉक्टर रेड्डीज से संपर्क किया है. डॉ रेड्डीज की तरफ से जून के आखिरी में ‘स्पुतनिक वी’ बीएमसी को दी जाएगी ऐसा आश्वासन दिया है.

बीजेपी का दावा-वैक्सीन घोटाला रोका
भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने बीएमसी के इस फैसले के बाद कहा कि यह बीजेपी की मेहनत है, जिससे शिवसेना द्वारा नेतृत्व की जा रही बीएमसी को वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर रद्द करना पड़ा. उन्होंने बोगस टेंडर निकाले हुए थे. बीजेपी ने वैक्सीन घोटाला रोका है.

टेंडर को लेकर ट्विटर वार
हाल ही में मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू दिया था. इसमें उन्होंने 9 कंपनियों का जिक्र किया था, जिनसे वैक्सीन खरीदने की कोशिश की जा रही थी. इस इंटरव्यू को उन्होंने ट्वीट भी किया था. लेकिन जब एक यूजर ने उनसे पूछा कि किन कंपनियों को टेंडर दिया गया है, तब जवाब में मेयर ने मराठी में लिखा- ‘तुझ्या बापाला’ मतलब ‘तुम्हारे बाप को’ दिया गया है.

मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर के इस अप्रत्याशित जवाब के बाद सोशल मीडिया पर उनकी काफी फजीहत हुई. हालांकि, बाद में मेयर की तरफ से वह विवादित ट्वीट डिलीट कर दिया गया है लेकिन लोगों ने उसका स्क्रीनशॉट लेकर उसे शेयर करना शुरू कर दिया और इस प्रकार महापौर मंगलवार को ट्विटर पर काफी ट्रोल हुईं.

विवादित बयान पर महापौर ने दी सफाई!
महापौर पेडनेकर के विवादित ट्वीट पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा है कि रिप्लाई मैंने नहीं दिया था मेरा फोन मेरे एक कार्यकर्ता के पास में था. बीकेसी के एक कार्यक्रम के दौरान मैंने अपना फोन कार्यकर्ता को दिया था जैसे ही मुझे इस विवादित ट्वीट के बारे में पता चला, मैंने फौरन उसे डिलीट कर दिया इसके अलावा मैंने उस कार्यकर्ता को भी समझाया है शिवसैनिक के तौर पर उस कार्यकर्ता ने अपना गुस्सा व्यक्त किया था लेकिन वह सही नहीं था.