ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य

बीएमसी ने खोला पिटारा, शिक्षा के लिए 3370 करोड़ का बजट, जानिए- मुंबईकरों क्या-क्या मिला?

मुंबई: देश की सबसे धनी महानगरपालिका, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने गुरुवार को निकाय चुनावों से पहले वर्ष 2022-23 के लिए 45,949.21 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट अनुमान पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 17.70 प्रतिशत अधिक है, पिछले साल बीएमसी ने 39,038.83 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।
मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने बीएमसी मुख्यालय में आयोजित नागरिक स्थायी समिति की बैठक से पहले बजट पेश किया। बजट में नगर निकाय ने 500 वर्ग फुट तक के कार्पेट एरिया के फ्लैटों के लिए संपत्ति कर के भुगतान से 100 प्रतिशत राहत की घोषणा की। बीएमसी आयुक्त ने अपने बजट भाषण में कहा, लगभग 16,14,000 नागरिकों को 100 प्रतिशत ‘संपत्ति कर’ राहत मिलेगी। नागरिकों को छूट की राशि 462 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है।

बता दें कि नए साल यानी एक जनवरी को, राज्य के मुखिया उद्धव ठाकरे ने मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र की सीमा के भीतर स्थित 500 वर्ग फुट तक की आवासीय इकाइयों के लिए संपत्ति कर माफ करने के निर्णय की घोषणा की थी। स्थायी समिति में आम बजट पेश करने से पहले बीएमसी ने 3,370.24 करोड़ रुपये का शिक्षा बजट भी पेश किया। इस साल का शिक्षा बजट अनुमान पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 14.45 प्रतिशत अधिक है जब बजट 2945.78 करोड़ रुपये था।

होटलमालिकों के लिए ‘संपत्ति कर’ में छूट
बीएमसी ने कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होटल इंडस्ट्री को भी राहत प्रदान की है। महामारी के दौरान होटल मालिकों से बीएमसी प्रशासन को मिले सहयोग को देखते हुए इस बार उन्हें संपत्ति कर में रियायत दी गई है। वहीं, हर साल जनवरी के महीने में विज्ञापन होर्डिंग शुल्क के रूप में 10% की वृद्धि को कम करके इस बार केवल 5% की वृद्धि की गई है।

कोस्टल रोड के लिए राशि बढ़ाई गई
बीएमसी ने इस बजट में अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना कोस्टल रोड के लिए फंड बढ़ाकर 2000.07 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जबकि पिछले साल यानी 2020-21 में 1500.01 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. मुंबई के उपनगरीय इलाके में गोरेगांव से मुलुंड लिंक रोड के लिए भी 1,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मुंबई की दूसरी लाइफलाइन कही जाने वाली BEST को मिला पैकेज
लोकल ट्रेनों और बेस्ट बसों को मुंबई की नसें और धमनियां कहा जाता है। इस लिहाज से मुंबई की दूसरी लाइफलाइन बेस्ट बसों पर बीएमसी की कृपा हुई है। इस बजट के मुताबिक बीएमसी बेस्ट को 750 करोड़ रुपये देगी। कोविड के दौरान ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले बेस्ट कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी प्रस्ताव किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए बजट में अलग से 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

शिक्षा के लिए 3370 करोड़ का बजट
बीएमसी एजुकेशन विभाग की चेयरमैन संध्या जोशी ने शिक्षा का बजट पेश किया। बीएमसी द्वारा जिन स्कूलों को वित्तीय सहायता दी जाती है। उन स्कूलों में शिक्षकों को सैलरी देने के लिए इस बजट में 325 करोड़ और पेंशन देने के लिए 89. 32 खर्च किए जाएंगे।

ढाई लाख छात्रों को मुफ्त शिक्षा
बीएमसी इस बार तकरीबन दो लाख 42 हजार प्राइमरी स्कूल के छात्रों को मुफ्त में शिक्षा मुहैया करवाएगी। जबकि जबकि 48 हजार सेकेंडरी कक्षा के छात्र भी मुफ्त शिक्षा ग्रहण करेंगे। बीएमसी शिक्षा विभाग में 900 बालवाड़ी स्कूलों को भी मंजूरी दी है। पहली से आठवीं कक्षा में ऑनलाइन शिक्षा के लिए बीएमसी 19 लाख रुपए खर्च करेगी। वहीं डिजिटल क्लासरूम के लिए कुल 28 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान है।

बच्चों की सेहत से समझौता नहीं
स्कूल के बच्चों को कोरोना और अन्य बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य हेल्थ केयर उपकरणों के वितरण हेतु बीएमसी ने प्राइमरी के लिए 80 करोड़ और सेकेंडरी के छात्रों के लिए 20 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया है। जिसमें बीएमसी के बच्चों को मुफ्त में यूनिफार्म,कॉपी, किताबें, जूते, मोजे, स्टेशनरी,चप्पल, स्कूल किट जैसी तमाम चीजें उपलब्ध करवाई जाती हैं।

कंप्यूटर लैब के भी निधि
कंप्यूटर लैब की सुविधा बढ़ाने और छात्रों को तकनीकी ज्ञान देने के लिए बीएमसी ने इस बार प्राइमरी के लिए 10 करोड़ और सेकंडरी के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया है। स्कूल मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम के लिए इस शिक्षा बजट में 57 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्कूलों में साफ सफाई और सुरक्षा शुल्क सिक्योरिटी के लिए 75 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

बीएमसी द्वारा दी जा रही शिक्षा सुविधाएं
1) बीएमसी 6831 शिक्षकों की मदद से दो लाख 42 हजार 899 छात्रों को हिंदी, मराठी, गुजराती, उर्दू, इंग्लिश, तेलगु, तमिल, और कन्नड़ भाषा में शिक्षा दे रही है। बीएमसी के शहर भर में 964 प्राइमरी स्कूल हैं। जबकि 243 सेकेंडरी स्कूलों में 1383 शक्षकों के जरिये 48 हज़ार 209 छात्रों को एजुकेशन दी जा रही है।
2) बीएमसी 81 टीचरों की मदद से 730 दिव्यांग बच्चों को 17 स्कूलों में शिक्षा दे रही है।
3) बीएमसी दो डीएड कॉलेज भी चलाती है जिसमें 153 स्टूडेंट को शिक्षा दी जाती है।
4) बीएसमी 394 निजी स्कूलों को वित्तीय सहायता देती है। जिसमें 2 हजार 836 टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ काम करता है। जबकि पहली से लेकर चौथी कक्षा के 98 हज़ार, 719 स्टूडेंट्स को शिक्षा मिलती है।
5) बीएमसी शिक्षा विभाग ने 900 बालवाड़ी को मंजूरी दी है। जिसमें से 815 बालवाड़ी शुरू हैं।

आवारा कुत्तों के लिए 2 करोड़
बीएमसी के भारी-भरकम बजट में 2 करोड़ रुपए आवारा कुत्तों के लिए भी खर्च करने का प्रावधान किया है। इन रुपयों के जरिए बीएमसी आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों के लिए शेल्टर होम बनाएगी। इस काम के लिए महानगरपालिका जानवरों के लिए काम करने वाली एनजीओ के साथ मिलकर काम करेगी। बीएमसी स्ट्रे डॉग्स के लिए शेल्टर होम बनाएगी ताकि इन्हें भी रहने के लिए छत मिल सके।

35 करोड़ खर्च कर ड्रोन से मारे जाएंगे मच्छर
मुंबई में हर साल कई लोग डेंगू, मलेरिया और लेप्टो जैसी बीमारियों के शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं। इन बीमारियों से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए बीएमसी के इंसेक्टिसाइड डिपार्टमेंट ने अब 35 करोड़ रुपए खर्च कर मॉस्किटो ब्रीडिंग डिटेकटर’ प्रोजेक्ट पर काम करने का फैसला किया है। इसके लिए बीएसमी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके उन जगहों को चिन्हित करेगी। जहां पर मच्छरों के प्रजनन की संभावना ज्यादा है। बाद में इन जगहों पर कीटनाशक का इस्तेमाल कर मच्छरों को खत्म किया जाएगा।