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बेलगाम स्कोडा कार की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत, 5 घायल

कार हादसे ने निगल ली 2 जिंदगियां…!

नवी मुंबई के कामोठे सेक्टर-6 में हुई एक भीषण सड़क दुर्घटना में पैदल जा रहे 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 घायल हैं। घटना रविवार शाम साढ़े 7 बजे की है।
मिली जानकारी के अनुसार, पनवेल के कामोठे सेक्टर-6 स्थित रयत शिक्षण संस्था संचालित स्कूल के सामने एक स्कोडा कार ने कई लोगों को टक्कर मारी, जिनमें से 7 वर्षीय सार्थक चोपड़े और 32 वर्षीय वैभव गुरव की मौत हो गई। वहीं, सार्थक की मां साधना चोपड़े (30 साल), श्रद्धा जाधव (31 साल), शिफा सारंग (16 साल), आशीष पाटील और प्रशांत माने घायल हो गए हैं। साधना के पैर में फ्रैक्चर हुआ है, जबकि शिफा के सिर में चोट आई है। घायलों में दो नाबालिग लड़कियां और भी हैं, लेकिन वे हादसे के बाद एक ऑटो से घटनास्थल से चली गई थीं, इसलिए उनके नाम का पता नहीं चल पाया है। कार कामोठे की मुख्य नोडल सड़क की दिशा में तेज रफ्तार से जा रही थी। हादसे के बाद से कार चालक भी फरार है।
कामोठे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक देवीदास सोनावणे के अनुसार, बेलगाम कार ने 4 दोपहिया वाहनों और एक स्कूल बस को टक्कर मारी थी। यह दुर्घटना पास लगे सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसके बाद विडियो सोशल मीडिया पार वायरल हो गया। कार चालक की पहचान कर ली गई और पुलिस उसे जल्द पकड़ लेगी।
साधना चोपड़े 7 वर्षीय बेटे सार्थक के साथ सड़क किनारे सब्जियां खरीद रही थीं। बेटा बगल में ही खड़ा था। अचानक तेज रफ्तार कार ने साधना और सार्थक को जोरदार टक्कर मार दी और आगे निकल गई। साधना के पैर में फ्रैक्चर हो गया, लेकिन वह बेटे को देख अपनी चोट भूल गईं और उसके पास पहुंचने की कोशिश करने लगीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सार्थक चोपड़े की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।
कार की टक्कर के बाद अफरातफरी मच गई। मां-बेटे को ठोकर मारने के बाद कार रुकी नहीं और आगे जाकर पैदल चल रहे 5 लोगों, 4 दोपहिया वाहनों और सड़क किनारे खड़ी 1 स्कूल बस से भी टकराई। स्कूटी से जा रहे दो लोग हादसे में बाल-बाल बच गए। कुछ लोग भाग खड़े हुए। कुछ लोग तुरंत घायलों के पास आए और घायलों को एमजीएम कामोठे अस्पताल लेकर भागे।
हादसे के बाद कार कुछ दूर आगे जाकर रुकी, लेकिन लोगों को अपनी तरफ आते देख कार चालक मौके से तुरंत फरार हो गया। कामोठे पुलिस के अनुसार, कार चालक इसी परिसर का निवासी है। 75 साल वर्षीय आरोपी हरविंदर सिंह हरभजन सिंह मथारू जुई रेसीडेंसी में अकेला रहता है। पत्नी की ढाई साल पहले निधन हो चुका है। एक बेटा है, जो सूरत में रहता है और काम की व्यस्तता के चलते पिता से कम ही मिल पाता है।