उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़

भदोही के घोसिया स्थित कालीन कारखाने में लगी भीषण आग; लाखों का कच्चा व तैयार माल जलकर हुआ राख!

भदोही,(राकेश जायसवाल): औराई कोतवाली थाना क्षेत्र के घोसिया के पास वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर सर्विसलेन के किनारे स्थित एक कालीन कंपनी में शनिवार को भीषण आग लग गई। आग की सूचना पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग के कारण कालीन कारोबारी का लाखों का नुकसान हो गया। फिलहाल, आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है।

मिली जानकारी के मुताबिक, औराई कोतवाली क्षेत्र के घोसिया में हाइवे पर सर्विसलेन के किनारे रहीम कालीन कंपनी चलाते हैं। शनिवार को कंपनी में अचानक आग लग गई। कंपनी में काम कर रहे मजदूर और अन्य लोग जब तक कुछ समझ पाते। तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आनन-फानन में इसकी सूचना पर फायर सर्विस व पुलिस को दी गई।
सूचना मिलते ही दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग तीसरे मंजिल पर लगी होने के कारण दमकलकर्मियों को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। दमकलकर्मियों ने अगल-बगल के मकान पर चढ़कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लगभग दो घंटे के अथक प्रयास के बाद किसी तरह आग को बुझाया जा सका, लेकिन तब तक कंपनी में रखे लाखों के कच्चे और तैयार माल जलकर राख हो गए। आग से हुए नुकसान से कालीन कारोबारी बदहवास पड़ा रहा। आग किन कारणों से लगी है। खबर लिखे जाने तक इसका पता नहीं चल सका है।

2 May 2022 Photo

पिछले साल भी मई महीने में ही लगी थी आग, 10 करोड़ हुआ स्वाहा!
गौरतलब है कि पिछले साल भी 2 मई 2022 को दोपहर में भदोही के औराई थाना क्षेत्र के एक कालीन गोदाम में अचानक भीषण आग लग गई थी। उस समय चार ज़िलों की 10 दमकल गाड़ियों और लगभग 100 दमकलकर्मियों व अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस आगजनी में लगभग 10 करोड़ रूपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा था।
यहां दो मंजिला इमारत के बेसमेंट में एक कालीन गोदाम है और ऊपर की इमारत पर एचडीएफसी बैंक की शाखा है। गनीमत यह रहा कि आग से बैंक को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन गोदाम में रखा कच्चा व तैयार माल, मशीनें आदि जलकर राख हो गईं थी। इमारत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी। ये गोदाम कालीन कारोबारी गोपाल जी बरनवाल का है।

बता दें कि कालीन नगरी के नाम से मशहूर भदोही की कालीन कंपनी वर्तमान में अमेरिका, चाइना जैसे बड़ें देशों के साथ कई छोटे देशों में भी कालीन और दरी निर्यात कर रहे हैं।