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महाराष्ट्र: अजित पवार बोले- राज्य नहीं कम करेगा पेट्रोल-डीजल पर टैक्स, केंद्र करे कम

मुंबई: पेट्रोल और डीजल की कीमत को कम करने के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार को वैट घटाने की सलाह देने वाली विपक्षी दल भाजपा पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पलटवार किया है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार

अजित पवार बोले- राज्य नहीं कम करेगा पेट्रोल-डीजल पर टैक्स, केंद्र करे कम
को पेट्रोल और डीजल पर टैक्स (उत्पाद शुल्क) कम करना चाहिए। राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट को कम नहीं करेगा।

प्रदेश राकांपा कार्यालय में उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि राज्य सरकार को पेट्रोल और डीजल पर वैट को कम करना चाहिए। लेकिन मेरा उनसे कहना है कि केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम कर करना चाहिए, क्योंकि केंद्र सरकार का टैक्स राज्य सरकार से अधिक है।
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि कोरोना संकट के चलते साल 2021-22 में महाराष्ट्र का राजस्व 14 प्रतिशत कम हुआ है। सरकार की माली हालत को ठीक रखते हुए मुझे राज्य को चलाना है। राज्य सरकार कोई नया टैक्स नहीं लगाएगी। सरकार ने बजट में सीएनजी और पीएनजी पर वैट को 13.5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करने की घोषणा की गई थी। इसके जरिए सरकार ने लगभग एक हजार करोड़ रुपए की राहत महिलाओं और छोटे वाहन चालकों को दी है।

तो 20 रुपए हो सकता है सस्ता
दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने फिर दोहराते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करती है तो कीमत 20 रुपए कम हो सकती है। महाराष्ट्र के आसपास स्थित भाजपाशासित राज्यों ने वैट में कमी की है जिसके चलते वहां पेट्रोल-डीजल महाराष्ट्र की अपेक्षा 10 से 15 रुपए प्रति लीटर सस्ते बिक रहे हैं।

लोकलुभावन योजनाएं लागू करने से विकास के लिए नहीं बचते पैसे
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि लोकलुभावन योजनाओं के लागू होने से दीर्घकालिक विकास कार्यों के लिए धन की कमी होती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए एकसाथ आना होगा। वित्त मंत्री पवार उन योजनाओं को लागू करने वाले राज्यों के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्हें वे वहन नहीं कर सकते और कर्ज ले रहे है। मंत्री ने कहा कि लोगों को मुफ्त में क्या दिया जाए और क्या नहीं, इस पर राष्ट्रीय स्तर पर फैसला लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ राज्य सरकारें मुफ्त में पानी और बिजली मुहैया कराती हैं और कर्ज भी माफ करती हैं। वित्त मंत्री पवार ने कहा, कि जब पैसा ऐसी योजनाओं पर खर्च किया जाता है, तो विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली धनराशि कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि लोग ऐसी योजनाओं को पसंद करते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया विकास के कार्य प्रभावित हो जाते हैं।