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महाराष्‍ट्र के विधायकों को फ्री में नहीं दिए जाएंगे फ्लैट, उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार ने दी सफाई

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार 300 विधायकों को मुंबई में मकान उपलब्ध कराने के अपने फैसले पर आगे नहीं बढ़ सकती है यदि लोग उसके खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों को मुफ्त में नहीं, बल्कि कुछ निश्चित दामों में मकान देने का फैसला किया गया था।
पिछले सप्ताह विधानसभा में आवास विकास मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने घोषणा की थी कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विधायकों को उपनगरीय क्षेत्र गोरेगांव में 300 फ्लैट उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा था कि मुंबई में जिन विधायकों के घर नहीं हैं, जो शहर के किसी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, जो मुंबई महानगर क्षेत्र के बाहर के हैं, वे ही इस योजना के लिए पात्र होंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अव्हाड ने महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएचएडीए) के माध्यम से विधायकों के लिए 300 मकान बनाने की घोषणा की थी जिसके लिए इन निर्वाचित प्रतिनिधियों को भुगतान करना होगा। उन्होंने यहां संवादददाताओं से कहा क‍ि लोगों ने सोचा कि सरकार विधायकों को मुफ्त में मकान देगी। हकीकत में, मकान मुफ्त देने का प्रश्न ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि इस घोषणा को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बहस हुई और फैसले के विरूद्ध खबरें भी आयीं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले इस मुद्दे पर अपनी-अपनी पार्टी का रूख पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।

मुफ्त में नहीं दिये जाएंगे मकान
राकांपा प्रमुख ने कथित रूप से कहा था कि सरकार को विधायकों के लिए मकान नहीं बनाना चाहिए बल्कि एमएचडीए द्वारा बनाये गये मकानों में उनके लिए कोटा बनाना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा, जब कोई निर्णय ले लिया जाता है और उसपर बिना बात के गलतफहमी फैल जाती है तो (ऐसे) फैसले (का क्रियान्वयन) रूक जाता है। शायद ऐसा हो। लेकिन मैं निश्चिंतता के साथ ऐसा नहीं कह रहा हूं। लेकिन मकान मुफ्त में नहीं दिये जाएंगे। यह तय किया गया है कि कुछ निश्चित मूल्य पर मकान दिये जाएं। लेकिन यदि लोग उसके विरूद्ध हैं तो शायद ऐसा न हो।
महाराष्ट्र में ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए अदालती आदेश के अनुरूप मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की भाजपा की कथित मांग के सवाल पर वरिष्ठ राकांपा नेता ने कहा क‍ि मैंने इस संबंध में सटीक फैसला पढ़ा नहीं है। लेकिन सूचना प्राप्त की जाएगी एवं इस तरीके से कदम उठाये जाएंगे कि उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न हो। फैसला सरकार के स्तर पर होगा। अजीत पवार ने किसी दल का नाम लिये बगैर आरोप लगाया कि इन दिनों विकास को छोड़कर बाकी मुद्दे उठाये जा रहे हैं।