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महाराष्ट्र: कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर फेंकी गई स्याही; 10 पुलिसकर्मी निलंबित, घटना की निंदा

पुणे: डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल की कथित टिप्पणी को लेकर पुणे के उपनगरीय इलाके पिंपरी में शनिवार को उन पर स्याही फेंकी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने कहा कि पुलिस ने मंत्री पाटिल पर स्याही फेंकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।
इस घटना के एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक व्यक्ति भाजपा के वरिष्ठ नेता व मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर तब स्याही फेंक रहा है जब वह पिंपरी चिंचवाड़ स्थित एक इमारत से निकल रहे थे। लेकिन मंत्री की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने युवक को तुरंत पकड़ लिया।
औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री की ओर से डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में की गई कथित टिप्पणी के बाद यह हमला किया गया। हमले से पहले कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्री के काफिले को काला झंडा दिखाने की कोशिश की।

10 पुलिसकर्मी निलंबित
महाराष्ट्र के पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड शहर में शनिवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंकने व उनकी सुरक्षा में चूक के बाद तीन अधिकारियों सहित 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। ये सभी मंत्री के दौरे के दौरान उनके सुरक्षा घेरे में थे।
बता दें कि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले पर टिप्पणी करने के एक दिन बाद चंद्रकांत पाटिल पर कुछ लोगों ने उनके ऊपर स्याही फेंकी थी।

माफी मांगने में शर्म महसूस नहीं करूंगा: चंद्रकांत पाटिल
मंत्री पाटिल के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों ने उन पर और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। इसके बाद विपक्ष पर निशाना साधते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अगर मेरी बातों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगने में शर्म महसूस नहीं करूंगा, क्योंकि मेरा मन आपकी तरह छोटा नहीं है।
पाटिल यहीं नहीं रुके उन्होंने अपनी बातों को सही साबित करने के लिए एक और उदाहरण देकर नया विवाद पैदा कर दिया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भीख का मतलब जैसे गणेशोत्सव या किसी अन्य त्योहार पर लोगों के पास चंदा मांगना। पाटिल के इस बयान के बाद यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर भीख और चंदा मांगने में कोई अंतर है या नहीं। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मेरे ऊपर स्याही फेंकने वाले लोगों ने डॉ बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया है।

फडणवीस ने की घटना की निंदा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये बहुत ही दुखद घटना है। चंद्रकांत पाटिल ने जो बात कही थी उसका अर्थ समझना चाहिए था। उसका अर्थ ये था कि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर या कर्मवीर भाऊराव पाटिल ने कभी भी सरकार से अनुदान मांगकर संस्थाएं नहीं चलाई। उन्होंने लोगों के शिक्षा की व्यवस्था समाज से पैसा खड़ा कर और दानवीर लोगों को साथ में लेकर किया। परन्तु उनके शब्दों को पकड़कर इस तरह की घटना करना, बहुत गलत बात है।