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महाराष्ट्र: नागपुर में 7 दिसंबर से शुरू होगा शीतकालीन सत्र, इन मुद्दों पर शिंदे सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष?

मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 7 से 20 दिसंबर तक आयोजित किया गया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में इस सत्र का आयोजन किया जायेगा. यहां राज्य विधानमंडल परिसर, ‘विधान भवन’ के एक अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर को शुरू होगा और 20 दिसंबर को समाप्त होगा. उन्होंने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक, सत्र में 10 कार्य दिवस होंगे. विपक्षी दलों द्वारा मराठा आरक्षण, बेमौसम बारिश, राज्य में निवेश और अन्य मुद्दों पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को घेरने की उम्मीद है.

क्या मराठा आरक्षण मुद्दे पर होगी चर्चा?
महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान चर्चा होगी या नहीं इसपर अपना बयान दिया है. इस सवाल पर कि क्या सत्र के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा होगी, गोरे ने कहा कि अभी तक उनके पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है. इसमें कोई शक नहीं कि शीतकालीन सत्र के दौरान यह मुद्दा उठेगा. लेकिन जब तक सभी कामकाज और अन्य प्रक्रियाओं को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता तब तक मैं तारीख की घोषणा नहीं कर सकती, लेकिन आरक्षण मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा की जाएगी और यह हर किसी की इच्छा है कि कोई स्थायी समाधान निकले. गोरे ने बताया कि, सत्र की तैयारी पूरे जोरों पर हैं और पुलिसकर्मियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भोजन, आवास और उनके बच्चों के लिए क्रेच की सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है.

मनोज जरांगे पाटिल की मांग
मराठा आरक्षण अभियान का चेहरा बन चुके मनोज जरांगे पाटिल ने भी कुछ हफ्ते पहले प्रशासन से मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करने के लिए कहा था. जरांगे ने ठाणे में एक रैली में बोलते हुए कहा था- ‘एक विशेष सत्र बुलाने के बजाय, लेटेस्ट [कुनबी] रिकॉर्ड निष्कर्षों के आधार पर आगामी सत्र में ही मराठों को आरक्षण दें.’