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महाराष्ट्र: बॉम्बे हाईकोर्ट में बलात्कारी पति का साथ देने वाली पत्नी की जमानत याचिका खारिज

मुंबई: महाराष्ट्र के बीड जिले में सरकार की महत्वपूर्ण योजना ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ तथा बेटी और बाप के पवित्र रिश्ते को तार-तार करते हुए एक स्कूल का प्रधानाध्यापक (पिता) पिछले कई सालों से अपनी दो बेटियों के साथ दुष्कर्म कर रहा था जबकि तीसरी बेटी के साथ यौन उत्पीड़न कर रहा था. पति के इस घिनौने काम में उसका साथ देने वाली महिला को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है. महाराष्ट्र के बीड जिले में रहने वाले महिला का पति पिछले कई सालों से अपनी दो बेटियों के साथ दुष्कर्म कर रहा था जबकि तीसरी बेटी के साथ यौन उत्पीड़न कर रहा था. ये सब जानते हुए भी महिला ने कभी भी अपने पति को रोकने की कोशिश नहीं की और चुपचाप इस अपराध में अपनी रजामंदी भी दी.

न्यायमूर्ति कंकनवडी की एकल पीठ में इस मामले की सुनवाई की दौरान बेटियों ने जो कुछ भी बताया वह काफी चौंकाने वाला था. बेटियों पर हुए जुल्म को देखते हुए कोर्ट ने महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी.
बता दें कि 2 अप्रैल को तीनों लड़कियों में से सबसे बड़ी लड़की ने बीड के काजी पुलिस स्टेशन में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. लड़की ने बताया कि उसके पिता एक स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं और तीनों बहनों को बुरी तरह से पीटते हैं और एक कमरे में बंद कर देते हैं. पुलिस ने लड़की की शिकायत पर माता-पिता को गिरफ्तार किया था.

लड़की ने बताया कि 31 मार्च को ​उसके पिता ने 20 साल की बेटी के साथ छेड़छाड़ का प्रयास किया, जिसके बाद उसने अपने आपको काफी बचाने का प्रयास किया. इस बात से नाराज उनके माता-पिता ने उन्हें पीटा और एक कमरे के अंदर बंद कर दिया. तीनों लड़कियां इस दौरान अपने एक दोस्त के संपर्क में आईं और उसे सारी घटना की जानकारी दी. इसके बाद उस लड़के ने पुलिस को सारी बात बताई, जिसके बाद तीनों लड़कियों को घर से छुड़ाया गया. इसके बाद सबसे बड़ी लड़की ने 2 अप्रैल को अपने माता-पिता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.