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महाराष्ट्र में कोरोना टेस्ट से मना नहीं कर सकते अस्पताल-क्लीनिक, सरकार ने दी कड़ी चेतावनी

कोविड-19 को लेकर आधिकारिक आदेश 2 मई से होंगे लागू

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव अजोय मेहता ने गुरुवार को राज्य में सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि किसी भी मरीज को जांच करने से मना नहीं किया जाए क्योंकि इस संबंध में कई निजी अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ ढेर सारी शिकायतें आ रही हैं। महाराष्ट्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात करते मेहता ने कहा कि आधिकारिक आदेश 2 मई से लागू होंगे।
राज्य में कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को किसी भी परिस्थिति में मरीजों को बिना जांच के नहीं लौटाने का निर्देश दिया था। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोविड-19 के नमूने लिए जाने के 12 घंटे के अंदर जांच के परिणाम आ जाए और 30 मिनट के भीतर मृत मरीजों के शवों को अस्पताल के वार्ड से हटाया जाए।
हालांकि, आदेश के पालन में दिक्कत हो रही है क्योंकि कोविड-19 की जांच के नमूने लिए जाने के 48 घंटे बाद परिणाम आ रहे हैं और कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जब मृतक मरीजों का शव वार्ड में चार घंटे से भी ज्यादा समय तक रखा रहा। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और चिकित्सा शिक्षामंत्री अमित देशमुख भी पूर्व में इन मुद्दों को उठा चुके हैं।
मेहता ने मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार 12 घंटे के अंदर कर देने और ऐसा करते समय निर्धारित दिशा-निर्देश और नियमों का पालन भी करने को कहा है।