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…अब महाराष्ट्र पर मंडराता बर्ड फ्लू का खतरा, मारी जाएंगी 80 हजार मुर्गियां!

मुंबई: महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। राज्य के परभणी जिले में मुर्गियों की मौत की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। जिसकी वजह से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार ने बताया कि बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए 80 हजार मुर्गियों को मौत के घाट उतारा जाएगा। इन मुर्गियों को 5 फुट गहरे गड्ढे में केमिकल डालकर दफनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के नागपुर, लातूर, अमरावती, परभणी, नासिक और ठाणे शहर पर बर्ड फ्लू का खतरा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि परभणी शहर की 80000 मुर्गियों को मारा जाएगा।

6 जिलों पर छाया बर्ड फ्लू का खतरा
राज्य और जिलों में बर्ड फ्लू के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए परभणी के मुरंबा गांव में तकरीबन 80 हजार मुर्गियों को शाम तक मौत के घाट उतार दिया जाएगा। परभणी जिला के मुरंबा गांव में तकरीबन 800 मुर्गियों की हाल में मौत हो गयी थी। अचानक इतनी भारी तादात में मुर्गियों के मरने से स्थानीय प्रशासन सकते में आ गया था। आनन-फानन में इन सभी मुर्गियों के नमूने भोपाल स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे। वहां से यह पता चला है कि इन मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। इस वजह से प्रशासन ने मुरंबा गांव के एक किलोमीटर के दायरे में तकरीबन 80 हजार मुर्गियों को मारने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत आज शाम तक इन 80 हजार मुर्गियों को मारकर जेसीबी की मदद से गड्ढा खोदकर दफना दिया जाएगा।

कंटेन्मेंट जोन बना मुरंबा गांव
महाराष्ट्र के परभणी जिले के मुरंबा गांव को बर्ड फ्लू के खतरे के मद्देनजर प्रतिबंधित क्षेत्र यानी कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इस गांव में और आसपास में मुर्गियों की बिक्री और खरीदी पर रोक लगा दी गई है। इसी प्रकार मुर्गियों को एक जिले से दूसरे जिले में लेकर जाने और आने पर भी रोक लगा दी गई है। इसी प्रकार इस गांव में अंडों की बिक्री और खरीद पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी है।

मंत्री जी की सलाह पर अमल करें
बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र के पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार ने जनता से आग्रह किया है की अगर चिकन या अंडे खाने हैं तो सबसे पहले उन्हें 70 से 80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कम से कम आधा घंटा पकाएं उसके बाद में ही उसे खाएं। इतनी डिग्री पर पकाने के बाद बर्ड फ्लू के जीवाणु मर जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह मेरी राय नहीं है बल्कि जांच में ऐसा पता चला है। इसलिए मैं सभी नागरिकों से यह गुजारिश कर रहा हूं। सुनील केदार ने यह भी बताया कि बर्ड फ्लू को लेकर जो कोई भी अफवाह फैलाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ठाणे शहर से भी जांच के लिए नमूने भेजे गए
महाराष्ट्र के परभणी जिले के बाद मुंबई से सटे ठाणे शहर के कई इलाकों से नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि ठाणे शहर में बर्ड फ्लू का खतरा किस स्तर पर है। सुनील केदार ने सभी पोल्ट्री व्यवसायियों को यह भरोसा दिलाया है कि उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। इसके पहले भी साल 2006 में राज्य में बर्ड फ्लू का खतरा छाया था। उस समय भी राज्य सरकार ने पोल्ट्री व्यवसायियों की मदद की थी। पोल्ट्री व्यवसाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक अहम भाग है। इस अर्थव्यवस्था को डूबने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार का इंतजार ना करते हुए महाराष्ट्र सरकार उनकी मदद करेगी।

आज मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
सुनील केदार ने बताया कि राज्य में बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार की शाम 5 बजे एक बैठक का आयोजन किया है। जिसमें इस खतरे से निपटने के लिए अहम फैसले लिए जा सकते हैं। राज्य में बर्ड फ्लू की जांच करने के लिए लैब होने के बावजूद सैंपल को मध्यप्रदेश भेजना पड़ता है। दरअसल, इस लैब को केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे में केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाएगा कि वे इस लैब को अपनी मंजूरी दें।