दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

महाराष्ट्र में लॉकडाउन को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ एनसीपी, कहा- फिर से लॉकडाउन लगा तो…

मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगने की सुगबुआहट सुनाई दे रही है। दरअसल, रविवार को कोविड टास्क फोर्स ने सीएम उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के अंदर पूर्ण लॉकडाउन लगाने की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीएम ने भी इसको लेकर चेतावनी जारी की, लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार में पूर्ण लॉकडाउन की अटकलों को लेकर विरोध दिखाई दे रहा है।
दरअसल, राज्य के अंदर लॉकडाउन लगाने के फैसले से शिवसेना की सहयोगी एनसीपी बिल्कुल सहमत नहीं है। बीजेपी ने भी इसका कड़ा विरोध किया है। इसके अलावा उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी महाराष्ट्र में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की योजना पर आपत्ति दर्ज कराई है।
रविवार को महाराष्ट्र में कोविड टास्क फोर्स ने एक मीटिंग में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य में लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया, जिसके बाद खबरें हैं कि सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन एनसीपी ने लॉकडाउन का विरोध किया है।

महाराष्ट्र में एक और लॉकडाउन बर्दाश्त नहीं करेंगे: एनसीपी
इस मीटिंग में डिप्टी सीएम अजीत पवार ने महाराष्ट्र में पूर्ण लॉकडाउन का विरोध किया। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी कहा है, हम महाराष्ट्र में एक और लॉकडाउन बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे, हमने सीएम से अन्य विकल्पों पर विचार करने को कहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से उन्होंने प्रशासन को लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन अपरिहार्य है। अगर लोग नियमों का पालन करते हैं तो फिर इससे बचा भी जा सकता है।

बीजेपी ने भी किया विरोध
भारतीय जनता पार्टी ने भी लॉकडाउन का विरोध किया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के असंगठित क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए एक और लॉकडाउन बहुत बड़ी त्रासदी के रूप में सामने आ सकता है। पाटिल ने कहा, लॉकडाउन इस स्तर पर एक विकल्प नहीं है। भाजपा इस तरह के कदम का विरोध करने वाली है और केवल हम ही नहीं, बल्कि आम व्यापारी और मजदूर भी इसका विरोध करेंगे।

मुंबई और महाराष्‍ट्र के अन्‍य हिस्‍सों में डोर टू डोर कोरोना वायरस टीकाकरण के अनुरोध को मंगलवार को केंद्र सरकार ने नकार दिया है। केंद्र सरकार का कहना है कि महाराष्‍ट्र सरकार या फिर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की तरफ से कोई आवेदन नहीं आया है।
बता दें कि ऐसी चर्चा थी कि बीएमसी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि बुजुर्गों के लिए डोर-टू-डोर टीकाकरण करने की अनुमति दी जाए और अलग-अलग लोगों को भी ऐसी सुविधा दी जाए जो लंबी दूरी तक जाने और यात्रा करने में असमर्थ हैं।
मंगलवार को यूनियन हेल्थ सचिव राजेश भूषण ने कहा कि आज तक, हमें महाराष्ट्र सरकार से डोर-टू-डोर टीकाकरण का संचालन करने के लिए कोई विशेष अनुरोध नहीं मिला है। भूषण ने कहा कि भारत में यूनिवर्सल इम्यूनिजेशन है लेकिन इसके बावजूद डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन नहीं होता है। भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए कोई विशेष अनुरोध अभी तक नहीं किया है। बता दें कि देश भर में सबसे अधिक कोरोना के चलते महाराष्ट्र में स्थिति खराब है। 28 मार्च की रिपोर्ट में, मुंबई मिरर ने बताया कि केंद्र ने ‘दुर्बल वरिष्ठ नागरिकों, नेत्रहीनों और शारीरिक विकलांग लोगों के लिए डोर-टू-डोर टीकाकरण की अनुमति देने के बीएमसी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है’।

वहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त (स्वास्थ्य) सुरेश काकानी ने कहा कि मुंबई में लगभग 1.5 लाख लोग हैं जो वृद्ध और विकलांग हैं या विकलांग हैं और टीकाकरण के लिए अपने घर से बाहर नहीं जा सकते। हमने केंद्र को लिखा था कि हमें उन्हें टीका लगाने के लिए उनसे मिलने की अनुमति दें, लेकिन केंद्रीय अधिकारियों ने बताया हमारे पास ऐसी कोई नीति नहीं है। यह वास्तव में उन लोगों की मदद करेगा जो अपने घरों तक सीमित हैं।