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महाराष्ट्र सरकार ने SC से कहा, 15 सितंबर तक मराठा आरक्षण के तहत नहीं करेंगे भर्तियां

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि जनस्वास्थ्य, मेडिकल शिक्षा व अनुसंधान को छोड़कर 12 फीसद मराठा आरक्षण के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को 15 सितंबर तक आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके बाद जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस एस. रवींद्र भट की पीठ ने बांबे हाईकोर्ट के आदेश और मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई एक सितंबर के लिए स्थगित कर दी। उसने कहा कि मामले को संविधान पीठ को सौंपने संबंधी याचिका पर 25 अगस्त को विचार किया जाएगा।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी व पीएस पटवालिया ने कहा है कि 4 मई, 2020 के सरकारी प्रस्ताव के अनुरूप 15 सितंबर, 2020 तक नियमित नियुक्तियां नहीं की जाएंगी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले की अंतिम सुनवाई तत्काल करने की मांग इसलिए की थी, क्योंकि उन्हें शिकायत थी कि खाली पदों के लिए राज्य सरकार की तरफ से नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है, इसलिए मामले को चार हफ्तों बाद के लिए सूचीबद्ध किया जाए। पीठ ने मेडिकल के पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए कहा कि वे अभी अंतिम चरण में हैं। पीठ ने स्पष्ट किया कि मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रमों में आरक्षण के बगैर ही प्रवेश के मामले पर अगली तारीख पर विचार किया जाएगा।