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महाराष्ट्र: CM उद्धव से मिलकर संजय राउत बोले-‘कंगना रनौत’ का एपिसोड खत्म, हमारे पास हैं कई और काम!

मुंबई: फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित ऑफिस पर बीएमसी की ओर से बुलडोजर चलाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। सरकार में शामिल एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी इस तरह के एक्शन पर अपना विरोध जताया।
इस बीच प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी मामले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रमुख अडवाइजर अजॉय मेहता को तलब किया है। बताया जा रहा है कि मामले को लेकर गवर्नर केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट पेश करने की भी योजना बना रहे हैं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के खिलाफ बयान देने के बाद बदले की भावना से गुरुवार को कंगना रनौत के ऑफिस में अवैध निर्माण का हवाला देकर बीएमसी ने तोड़फोड़ किया था।

केंद्र को रिपोर्ट भेजेंगे गवर्नर!
वहीं, खबर यह भी है कि गवर्नर कोश्यारी इस पूरे विवाद पर एक रिपोर्ट तैयार कर उसे केंद्र को भेजने की सोच रहे हैं। बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे के सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद से ही गवर्नर कोश्यारी और उनके रिश्ते बेहत तनावपूर्ण रहे हैं। चाहे एमएलसी के तौर पर उद्धव ठाकरे का नामांकन हो या फिर कोरोना काल में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा आयोजित कराने का मामला हो, गवर्नर और सीएम के तल्ख रिश्ते इस दौरान खुलकर सामने आए हैं।

कंगना अपने शब्द वापस लेती हैं तो कोई विवाद नहीं: राउत
इस पूरे विवाद के केंद्र में रहे शिवसेना नेता संजय राउत ने सफाई दी है कि कंगना का दफ्तर बीएमसी ने तोड़ा, शिवसेना का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
गुरुवार को जब संजय राउत से इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्‍होंने कहा कि मनपा (बीएमसी) ने जो कार्रवाई की है वह उनकी है। बीएमसी ने इसी समय यह ऐक्शन क्यों लिया, इसका जवाब बीएमसी के आयुक्त ही दे सकते हैं। उनसे ही सवाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है। इसका शिवसेना से कोई कनेक्‍शन नहीं है। आप इस मसले पर मेयर या बीएमसी के कमिश्‍नर से बात करें।
हालांकि, इससे पहले राउत ने कहा था कि बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वह (कंगना रनौत) एक कलाकार हैं और मुंबई में रहती हैं। उन्होंने मुंबई और महाराष्ट्र के लिए जो भाषा प्रयोग की वह उचित नहीं है। अगर कंगना अपने शब्द वापस लेती हैं तो कोई विवाद ही नहीं रह जाता है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, हम उस मुद्दे को भूल चुके हैं और हमारे लिए कंगना रनौत का एपिसोड खत्म हो गया है। हम फिलहाल अपने दैनिक, सरकारी और सामाजिक कामों में जुटे हुए हैं। इस सवाल पर कि उद्धव ठाकरे और उनके बीच क्या बात हुई, राउत ने कहा कि मैं पार्टी से जुड़े काम के सिलसिले में आज मुख्यमंत्री से मिला था।
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार रात सीएम आवास मातोश्री पर हुई बैठक में उद्धव व पवार के बीच कंगना रनौत के दफ्तर पर हुए ऐक्शन और मीडिया में इसकी प्रतिक्रिया के मुद्दे पर बातचीत हुई थी। इस बैठक में पवार के सहमति से यह फैसला हुआ था कि शिवसेना अब कंगना रनौत के मुद्दे को कोई तरजीह नहीं देगी।
माना जा रहा था कि इस मामले पर बीएमसी और उद्धव सरकार की विपक्षी दलों समेत देश के तमाम हिस्सों में काफी आलोचना भी हुई थी। देश भर से कंगना को मिले समर्थन के बाद पवार और सोनिया गांधी ने परोक्ष रूप से उद्धव से अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद उद्धव ने कंगना के मुद्दे को और तरजीह ना देने का फैसला किया।

हाईकोर्ट में 22 सितंबर तक सुनवाई टली
वहीँ बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत के ऑफि‍स में बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ के मामले की सुनवाई 22 सितंबर तक टाल दी है। कंगना के ऑफिस में बुधवार को BMC की टीम ने करीब 2 घंटे तक जेसीबी और हथौड़ों से जमकर तोड़फोड़ की थी। बीएमसी अधिकारियों का कहना है, उन्होंने सिर्फ दफ्तर में अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है। जबकि कंगना का कहना है, उनके ऑफिस में कुछ भी गलत तरीके से नहीं बनाया गया था। आज कंगना ने अपने ऑफिस पहुंचकर तोड़फोड़ का जायजा भी लिया।
मुंबई पहुंचने के बाद कंगना गुरुवार को पहली बार घर से बाहर न‍िकलीं और सीधे अपने दफ्तर पहुंचीं। कंगना कुछ मिनटों तक गाड़ी के अंदर से ही ऑफिस के बाहर फैले मलबे को देखती रहीं। इसके बाद दफ्तर के अंदर जाकर जायजा लिया। इस दौरान वो थोड़ी न‍िराश नजर आईं। करीब 15-20 मिनट तक वहां रुकने के बाद कंगना बिना कुछ बोले घर की ओर रवाना हो गईं।