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महाराष्‍ट्र: फडणवीस के करीबी नेताओं को घेरने में जुटी उद्धव सरकार

मुंबई: गैर बीजेपी नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद चर्चा है कि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने भी राज्य में बीजेपी नेताओं, खासकर देवेंद्र फडणवीस के करीबी नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है। जलगांव की एक को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी के तथाकथित घोटाले के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के राइट हैंड समझे जाने वाले पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के करीबी लोगों पर पिछले दिनों महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने छापामारी की है। बीजेपी से एनसीपी में गए राज्य के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे इस तथाकथित घोटाले को लेकर एक-दो दिन में बड़ा खुलासा करने जा रहे हैं। उन्होंने रविवार को मीडिया से कहा कि अभी इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू में चल रही है। एक बार यह प्रक्रिया हो जाए, फिर वह एक-दो दिन में सबूतों के साथ इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश करेंगे।

यह है मामला?
भाईचंद हीराचंद रायसोनी (बीएचआर) मल्टिस्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी संस्था में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर गिरीश महाजन के करीबी व्यवसायी सुनील झंवर के जलगांव स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई है। बीएचआर से संबंधित पांच ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की पुणे टीम के 135 अधिकारियों के दस्ते ने एकसाथ छापामारी की। गिरीश महाजन के साथ परछाई की तरह घूमने वाले सुनील झंवर के फॉर्म हाउस पर भी छापा मारा गया।
कहा जा रहा है कि डेढ़ हजार करोड़ रुपये के इस आर्थिक घोटाले में निवेशकों की रकम वापस देने के नाम पर कर्जदारों की संपत्तियों को ओने-पौने दाम पर नेताओं और उनके करीबियों को बेच दिया गया। यह संपत्तियां कुछ चुनिंदा लोगों को ही बेची गईं। उन संपत्तियों को खरीदने में बीजेपी के करीबी सुनील झंवर का नाम सबसे आगे है।

फडणवीस सरकार ने रोकी थी जांच: खडसे
एनसीपी नेता एकनाथ खडसे का कहना है कि वह 2018 से इस मामले की जांच के लिए 15 से 16 बार शिकायतें कर चुके हैं। उनकी बहू और बीजेपी सांसद रक्षा खडसे भी इस मामले की शिकायत दिल्ली तक कर चुकी हैं। लेकिन तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। बता दें कि 2014 से 2019 तक राज्य में बीजेपी की देवेंद्र फडणवीस की सरकार थी।
खडसे ने कहा कि सोसायटी कानून 2002 के तहत बीएचआर मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी पर कार्रवाई का अधिकार केंद्र का है और राज्य के सहकारिता आयुक्त इस मामले में कार्यवाही नहीं कर सकते थे, इसलिए उन्होंने जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी। बावजूद इसके राज्य सरकार ने इस जांच रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की।

दो दिन के भीतर बड़े दिग्गजों के नाम सामने आएंगे
खडसे ने आरोप लगाया है कि इस मामले में 2 दिन के भीतर कई बड़े दिग्गजों के नाम सामने आएंगे, जिनमें सांसद विधायक और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। उन्होंने बीएचआर मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी की संपत्ति कौड़ियों के दाम में ली है। उन्होंने कहा कि अगर मैं अभी इन सभी के नाम का खुलासा कर दूंगा, तो यह जांच में हस्तक्षेप होगा।